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क्या आप भी फ़ोन को साइलेंट रखना करते है पसंद, जानें क्या है साइकोलॉजी

साइकोलॉजी

हम में से बहुत से लोग अपने फ़ोन को साइलेंट मोड में रखना पसंद करते हैं, खासकर जब हम किसी मीटिंग, बैठक, या सामाजिक अवसर पर होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हम ऐसा क्यों करते हैं और इसके पीछे छिपी साइकोलॉजी क्या है? फ़ोन को साइलेंट पर रखने के कई कारण हो सकते हैं, और ये कारण हमारे मानसिक और भावनात्मक स्थिति को दर्शाते हैं। आइए जानते हैं कि यह आदत हमारे मन और व्यवहार को कैसे प्रभावित करती है।

1. कंट्रोल की भावना:
फ़ोन को साइलेंट पर रखना यह दर्शाता है कि हम अपनी जिंदगी में नियंत्रण बनाए रखना चाहते हैं। जब फ़ोन साइलेंट होता है, तो हमें लगता है कि हम बाहरी दुनिया से स्वतंत्र हैं और किसी भी प्रकार के व्यवधान से बच सकते हैं। यह एक तरह से हमारी मानसिक शांति को बनाए रखने की कोशिश होती है, खासकर उन लोगों के लिए जो काम के दौरान लगातार ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।

2. वर्तमान में जीने की चाह:
साइलेंट मोड पर फ़ोन रखने का एक बड़ा कारण यह भी हो सकता है कि हम अपने वर्तमान पल को पूरी तरह से जीना चाहते हैं। जब फ़ोन वाइब्रेट या रिंग करता है, तो हमारी पूरी ध्यान शक्ति उस पर चली जाती है। इससे हम अपने आसपास के वातावरण और लोगों से भी डिस्कनेक्ट हो सकते हैं। साइलेंट मोड में रहते हुए, हम अपने काम और रिश्तों में अधिक डूब सकते हैं, और इस तरह अपने जीवन के पल का आनंद ले सकते हैं।

3. डिजिटल डिटॉक्स की आवश्यकता:
आज के समय में हम सभी की जिंदगी सोशल मीडिया, ईमेल्स और मैसेजेस से भरी हुई है। जब हम अपने फ़ोन को साइलेंट पर रखते हैं, तो यह एक तरह का "डिजिटल डिटॉक्स" होता है। यह हमें कुछ समय के लिए टेक्नोलॉजी से दूरी बनाने का अवसर देता है। यह मानसिक रूप से हमें आराम और शांति प्रदान करता है, जिससे हम अपनी चिंता और तनाव को कम महसूस करते हैं।

4. समाज में स्वीकार्यता की चिंता:
कुछ लोग साइलेंट मोड पर फ़ोन रखने के लिए समाज की स्वीकार्यता को भी ध्यान में रखते हैं। खासकर जब हम किसी सामाजिक या पेशेवर कार्यक्रम में होते हैं, तो हमें लगता है कि अगर हमारा फ़ोन बजता है तो यह असभ्य या अनचाहा हो सकता है। इस वजह से हम उसे साइलेंट पर रखकर खुद को और दूसरों को आरामदायक स्थिति में रखते हैं। इससे हमें यह महसूस होता है कि हम सभ्य और जिम्मेदार व्यक्ति हैं।

5. FOMO (Fear of Missing Out) का मुकाबला:
हालांकि, साइलेंट पर फ़ोन रखने से हमें कुछ हद तक मानसिक शांति मिलती है, लेकिन कई बार यह FOMO यानी "Fear of Missing Out" से बचने का तरीका भी हो सकता है। जब हम फ़ोन को साइलेंट पर रखते हैं, तो हम इस डर से बच सकते हैं कि बार-बार फोन की घंटी बजने पर हमारा ध्यान भटकेगा। इससे हमें यह महसूस होता है कि हम हर चीज़ से जुड़े हुए हैं, लेकिन साथ ही तनाव और चिंता से दूर रह सकते हैं।

6. पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन:
बहुत से लोग साइलेंट मोड को एक ऐसे तरीके के रूप में मानते हैं जिससे वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ बेहतर संबंध बना सकते हैं। जब हम किसी के साथ समय बिता रहे होते हैं, तो फ़ोन की लगातार बजती रिंग से हमारा ध्यान भटक सकता है। साइलेंट मोड पर रखना यह दर्शाता है कि हम अपने परिवार और दोस्तों के साथ बातचीत में पूरी तरह से संलग्न हैं और उनकी कंपनी का पूरा आनंद लेना चाहते हैं।

7. मानसिक शांति की खोज:
फ़ोन का हर वाइब्रेशन, रिंग, या नोटिफिकेशन हमारे दिमाग को असमंजस में डाल सकता है और मानसिक शांति को प्रभावित कर सकता है। साइलेंट मोड में रखकर हम अपने दिमाग को कुछ राहत और शांति प्रदान करते हैं। यह हमें भावनात्मक रूप से स्थिर रहने का अवसर देता है, खासकर जब हमारी दिनचर्या में तनाव और दबाव होता है।

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