नगरपालिका रानियां में महर्षि वाल्मीकि की जयंती का आयोजन

नगरपालिका रानियां में महर्षि वाल्मीकि की जयंती धूमधाम से मनाई गई, जिसमें नगर पालिका के कर्मचारियों, कर्मचारियों के संगठन के पदाधिकारियों और अन्य स्थानीय निवासियों ने भाग लिया। इस अवसर पर नगर पालिका के कर्मचारी संघ के इकाई प्रधान सोमपाल पुहाल, मेजर सिंह, बलविंदर कुमार, सुरेश कुमार, जेई विक्रम कुमार, और रमेश पाल सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर प्रकाश डालते हुए
इस मौके पर प्रधान सोमपाल पुहाल ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि एक अत्यंत विद्वान और सम्मानित पंडित थे, जिन्हें अचानक ज्ञान की देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त हुई और उनके मुख से संस्कृत के श्लोक प्रकट होने लगे। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि के जीवन की कहानी को साझा किया और बताया कि ब्रह्मा जी के आग्रह पर उन्होंने रामायण नामक महाकाव्य की रचना की, जो न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी पढ़ा जाता है।
रामायण का महत्व और समाज की शिक्षा
प्रधान सोमपाल ने रामायण के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह ग्रंथ हमें मर्यादित समाज, आत्म संयम, और परिवार एवं समाज निर्माण की शिक्षा देता है। रामायण और राम चरित्र मानस ने भगवान राम के जीवन के आदर्शों को प्रस्तुत किया, जो आज भी हमारे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। महर्षि वाल्मीकि ने न केवल एक ग्रंथ की रचना की, बल्कि उन्होंने त्रिकालदर्शिता और नारी सम्मान के प्रतीक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई।
उन्होंने यह भी बताया कि जब माता सीता को श्रीराम द्वारा त्यागा गया, तब उन्हें वाल्मीकि जी ने अपनी कुटिया में शरण दी, जिससे उनका जीवन सुरक्षित हुआ। इस प्रकार महर्षि वाल्मीकि जी नारी सम्मान और सुरक्षा के प्रतीक हैं।
भारत का सांस्कृतिक और धार्मिक गौरव
सोमपाल ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जो ऋषि-मुनियों, संतों और महापुरुषों का देश है। भारत में ऐसे महाकाव्य और ग्रंथ रचे गए हैं, जिनका कोई मुकाबला पूरे विश्व में नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि महर्षि वाल्मीकि के योगदान के बिना रामायण का निर्माण असंभव था, और इस काव्य की रचना से ही समाज को धर्म मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिली।
समाज को मजबूत बनाने के लिए महर्षि वाल्मीकि की विचारधारा
महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर उनके योगदान को याद करते हुए उन्होंने समाज को धर्म मार्ग पर आगे बढ़ाने और एक मजबूत समाज बनाने के लिए उनकी विचारधारा को अपनाने की अपील की।
इस प्रकार, नगरपालिका रानियां में महर्षि वाल्मीकि की जयंती का आयोजन एक प्रेरणादायक अवसर था, जिसमें महर्षि वाल्मीकि के जीवन, उनके योगदान और समाज में उनके आदर्शों को याद किया गया।