करवा चौथ 2024: जाने करवाचौथ के व्रत का महत्व ,पूजा का शुभ मुहूर्त और चंद्रदर्शन समय

 

आज 20 अक्टूबर 2024 को करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व विशेष रूप से महिलाओं द्वारा अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं और शाम को चंद्रमा के दर्शन कर पूजा करती हैं। 

चंद्रदर्शन और पारण का समय:
- चंद्रदर्शन: दिल्ली में चंद्रमा का दर्शन 8:13 बजे होगा। 
- पारण का समय: चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य देने के बाद 7 बजे से 9 बजे के बीच पारण करें। 

शुभ मुहूर्त:
शाम का शुभ मुहूर्त (पारण के लिए): 05:46 बजे से 06:54 बजे तक।
  
करवा चौथ पूजा विधि:
- इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके करवा माता की पूजा करती हैं।
- व्रत का पारण चंद्रमा के दर्शन के बाद पति के हाथों पानी पीकर किया जाता है।
- पूजा सामग्री में लकड़ी का आसान, देसी घी, पान, सींक, कलश, हल्दी, रोली, मौली, मिठाई, चांदी या तांबे का करवा, चंदन, फल, फूल, अक्षत, चावल आदि शामिल होते हैं।

आटे के दीपक का महत्व:
करवा चौथ के दिन आटे का दीपक जलाना विशेष शुभ होता है। इसे जलाने से व्यक्ति की उम्र लंबी होती है और यमराज की पीड़ा से बचाव होता है। यह दीपक पवित्रता का प्रतीक माना जाता है और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इसे जलाना शुभ होता है।

करवा चौथ पर शुभ योग:
- इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जैसे:
  - गजकेसरी योग (चंद्रमा और गुरु का संयोग)
  - शश योग, बुधादित्य योग, महालक्ष्मी योग, समसप्तक योग
- इन योगों का साथ इस दिन पूजा और व्रत के फल को और भी अधिक शुभ बना देता है।

करवा चौथ के दिन की विशेष शुभकामनाएं:
आप अपने जीवनसाथी को करवा चौथ के अवसर पर शुभकामनाएं भेज सकते हैं:

"करवा चौथ का त्योहार, आए और लाए खुशियां हजार,  
आप हर बार मनाएं यह त्योहार, सलामत रहें आप और आपका परिवार।  
करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं।"

पहली बार करवा चौथ व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए विशेष दिशा-निर्देश:
- इस दिन शादी के जोड़े में बैठना शुभ होता है, जिससे अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
- व्रत का पारण चंद्रमा के दर्शन के बाद, पति के हाथों से पानी पीकर करना चाहिए।
- करवा चौथ के दिन लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।

करवा चौथ का पर्व न केवल महिलाओं के लिए एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को भी बढ़ाता है।