रशोई में जायका बिगड़ा,लहसुन की कीमतों में भारी उछाल, बिक रहा है 500 रुपये किलो
There is a bad taste in the kitchen, there is a huge rise in the prices of garlic, it is being sold at Rs 500 per kg.
थोक और खुदरा बाजारों में लहसुन की कीमतें आसमान छू रही हैं। देश के कई शहरों में एक किलो लहसुन की कीमत 600 रुपये तक पहुंच गई है। हालांकि, व्यापारियों का कहना है कि एक महीने में स्थिति सामान्य हो जाएगी। लहसुन की कीमतों में उछाल की वजह से लोग इसकी खरीदारी में कटौती कर रहे हैं। कम उपज और कमजोर सप्लाई की वजह से लहसुन की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है।
थोक मंडियों में आज के भाव: कमोडिटी ऑनलाइन के मुताबिक बुधवार को थोक मंडियों में लहसुन की औसत कीमत 7275 रुपये प्रति क्विंटल है। इसकी अधिकतम औसत कीमत 8200 और न्यूनतम 6400 रुपये प्रति क्विंटल है। बुलंदशहर के गुलावती मंडी में देसी लहसुन बुधवार को 8000 से 8200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। लखनऊ में यह 14000 से 17000 रुपये प्रति क्विंटल है।
लहसुन की बढ़ती कीमतों की वजह से खुदरा बाजार में भी स्थिति गंभीर हो गयी है। वाशी के एक खुदरा विक्रेता देवदास शिंदे ने एचटी से कहा कि खुदरा कीमत पिछले सप्ताह ₹280-300 प्रति किलोग्राम से बढ़कर अब ₹520-600 प्रति किलोग्राम हो गई है। ग्राहक खरीदारी नहीं कर रहे हैं। वे केवल कीमत पूछते हैं। एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सप्ताह लहसुन की कीमत ₹140 प्रति किलोग्राम थी, अब वाशी थोक बाजार में इसकी कीमत ₹350-375 प्रति किलोग्राम है। इसी मंडी से मुंबई महानगर क्षेत्र को लहसुन की सप्लाई की जाती है।
कब तक मिलेगी राहत: बाजार के थोक विक्रेता सूर्यकांत घोडेकर के अनुसार, बाजार में सप्लाई पर्याप्त नहीं है। गुजरात से स्टॉक खत्म हो रहा है और कुछ स्टॉक मध्य प्रदेश से आ रहा है। पूरे देश में इसकी कमी है। तेजी कब तक रहेगी के सवाल पर उन्होंने बताया कि कम से कम 15 दिनों तक स्थिति कठिन रहेगी। तब तक कीमत 200 रुपये प्रति किलो से नीचे नहीं जाएगी। स्थिति को पूरी तरह सामान्य होने में कम से कम एक महीना लगेगा, क्योंकि तब तक नया स्टॉक भरपूर मात्रा में आ जाएगा।