PM विश्वकर्मा योजना का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बने कारीगर, पीएम विश्वकर्मा योजना पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
फतेहाबाद, 8 फरवरी। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के एमएसएमई-विकास कार्यालय, करनाल द्वारा वीरवार को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पर स्थानीय डीपीआरसी हॉल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसडीएम राजेश कुमार ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के सभी कारीगर इस योजना में पंजीकरण करवाये और इस योजना का लाभ उठाये। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि वे इस योजना का लाभ उठाकर सब आत्मनिर्भर बने और अपना उद्यम स्थापित करे तथा विकसित भारत में अपना योगदान बढ़ाये।
इस अवसर पर एमएसएमई डीएफओ करनाल के निदेशक संजीव चावला ने आये हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में एक विडियो के माध्यम से विस्तारपूर्वक चर्चा की तथा इससे होने वाले लाभों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कारीगरों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और ऑन बोर्डिंग ऑफ (ग्राम प्रधान/शहरी स्थानीय निकाय) प्रक्रिया के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य हाथ से कार्य करने वाले परंपरागत दस्तकारों के संपूर्ण विकास के लिए भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता के बारे में जानकारी प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के सम्मान, सामथ्र्य और समृधि तीन स्तंभ है। इस योजना में कारीगरों को 15000 रुपये तक की टूल किट और 3 लाख रुपये तक की राशि 5 प्रतिशत ब्याज पर बिना जमानत के लोन, मुफ्त प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये दैनिक भत्ता, विपणन सहायता, प्रमाण पत्र और कारीगर पहचान पत्र प्रदान किये जाने का प्रावधान है। पीएम विश्वकर्मा स्कीम में बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, मोची, राजमिस्त्री, नाई, धोबी, दर्जी इत्यादि 18 विभिन्न श्रेणियों के आर्टिजंस (कारीगर) का मौके पर ही पंजीकरण किया गया तथा उनको पीएम विश्वकर्मा में दिए जाने वाले लाभ के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अग्रणी बैंक अधिकारी संजय कुमार द्वारा प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया गया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना माध्यम से कारीगरों/ दस्तकारों को हैंड होल्डिंग सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना में लोन सुविधा बिना जमानत के उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान पर इंसेंटिव उपलब्ध है। फ्री टूल किट एवं प्रशिक्षण के बाद मिलने वाले लोन से दस्तकार अपने काम को बढ़ावा दे सकते हैंं। इस प्रोग्राम के दौरान सीएससी केंद्र की तरफ से 4 स्टाल लगाए गए और जिला प्रशासन की तरफ से खाद्य पदार्थों और हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की तरफ से भी एक स्टाल लगाया गया। कार्यक्रम में लगभग 220 कारीगरों ने भाग लिया। इस अवसर पर सहायक निदेशक हरपाल सिंह, जिला एमएसएमई केंद्र के संयुक्त निदेशक गुरप्रताप सिंह बराड़, प्रोजेक्ट ऑफिसर किस्मत सिंह, सीएससी डीएम शिल्पा रानी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कारीगर मौजूद रहे।