"चंडीगढ़ : दल-बदलने पर भी नहीं होती कार्रवाई, संविधान में विधानसभा स्पीकर और उपाध्यक्ष के लिए क्या है खास नियम
विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होता। संवैधानिक व्यवस्था में विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मूल पार्टी की सदस्यता छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं, ताकि सदन में वे खुद को तटस्थ रख सकें।
इसके बावजूद हरियाणा में अशोक अरोड़ा इकलौते विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं, जिन्होंने सत्तारूढ़ इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। उनके अलावा किसी भी विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने मूल पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने की हिम्मत नहीं दिखाई।
इन पर लागू नहीं होता दलबदल विरोधी कानून
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के अधिवक्ता और संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार बताते हैं कि विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अगर मूल पार्टी छोड़ते हैं तो उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता है।"