हरियाणा में अब ऑनलाइन निकाल सकेंगे ओबीसी प्रमाण पत्र, सरकार ने प्रो-एक्टिव ओबीसी प्रमाण पत्र की शुरुआत

 

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार नागरिकों को पेपरलेस, पारदर्शी व सुगम तरीके से सुविधाओं का लाभ ऑनलाइन माध्यम से उनके घर द्वार पर पहुंचा रही है। इसी कड़ी में एक कदम ओर आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से प्रो-एक्टिव ओबीसी प्रमाण पत्र की शुरुआत की है। 

अब नागरिक सरल पोर्टल पर जाकर, पी.पी.पी. में मौजूद अपने डेटा के आधार पर पात्र पाए जाने पर, अपना ओबीसी प्रमाण पत्र ऑनलाइन घर बैठे डाउनलोड कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर खनन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि एक बार जब किसी नागरिक की जाति व जाति की श्रेणी पी.पी. पी. में सत्यापित हो जाती है, तो वह बिना किसी मानव हस्तक्षेप के सरल पोर्टल पर अपनी पारिवारिक आई.डी. प्रदान करके अपेक्षित जाति प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकता है।

उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र के पीछे हमारा उद्देश्य लोगों को फेसलेस और पेपरलेस सेवाएं प्रदान करना है। इसी उद्देश्य से पी.पी.पी. में नागरिकों की सत्यापित जाति और जाति की श्रेणी के आधार पर सरल पोर्टल के माध्यम से प्रमाण पत्र पहले से ही जारी किए जा रहे हैं।

इनमें 7.4 लाख से अधिक अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र और 4.76 लाख से अधिक पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र शामिल हैं। वर्तमान में 34 लाख से अधिक परिवारों के जाति विवरण को पी.पी.पी. में सत्यापित किया गया है।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं को भी परिवार पहचान पत्र से जोड़कर लाभार्थियों को घर बैठे पेंशन देने का काम किया है। अब तक लगभग 1.7 लाख वृद्धों, 13 हजार दिव्यांगों को घर बैठे पेंशन दी जा चुकी है। हमने वृद्धावस्था पेंशन की पात्रता के लिए वार्षिक आय की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की है।

उन्होंने कहा कि पीपीपी की सहायता से एक क्लिक से हम प्रदेश में साढ़े 12 लाख नए राशन कार्ड बनाए और कुल 35 लाख बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाने में सफल हुए हैं। इसके अलावा, प्रदेश में 56 लाख 46 हजार चिरायु कार्ड बनाए जा चुके हैं। इन्हें मिलाकर आयुष्मान-चिरायु कार्डों की संख्या 86 लाख गई है। साथ ही, निरोगी हरियाणा योजना में प्रदेश के 27 लाख से अधिक गरीबों के 1 करोड़ 50 लाख मुफ्त टेस्ट भी पी.पी.पी. के डेटा की मदद से किये गये हैं।

उन्होंने कहा कि अब तक परिवार पहचान पत्र से 397 योजनाओं व सेवाओं को जोड़ा जा चुका है और इनका लाभ पात्र लोगों को घर बैठे ही मिल रहा है।