Haryana News : हरियाणा सरकार विदेशी सहयोग विभाग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उत्पादों को बेचने की योजना पर कर रही कार्य

 

Haryana News : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि वे वर्तमान दौर में अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए डिजिटल मंच का अत्यधिक उपयोग करते हुए एक सफल उद्यमी के तौर पर स्वयं को स्थापित करें।

मुख्यमंत्री आज सिरसा से सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के अंतर्गत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लाभार्थियों से सीधा संवाद कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज भारतीय इंडस्ट्री 4.0 के इस दौर में डिजिटल रिवोल्यूशन का चेहरा बना हुआ है। फूड प्रोसेसिंग में भी इसका कारगर उपयोग हो रहा है। विशेषकर उत्पादों को बेचने में डिजिटल प्लेटफार्म बहुत उपयोगी साबित हो रहे हैं। ज्यादातर उपभोक्ता कोई भी खाने पीने की चीज खरीदने के समय उसकी ऑनलाइन उपलब्धता तलाश करते हैं। इसलिए फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़े सभी लोग भी डिजिटल मंच का उपयोग कर अपने उत्पाद सीधे ही उपभोक्ताओं को बेच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आज फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री बड़ी तेजी से विकसित हो रही है। आज बढ़ती जनसंख्या बढ़ते शहरीकरण और स्वास्थ्य के प्रति सचेत उपभोक्ता के कारण उच्च कोटि के बाद पदार्थों की मांग निरंतर बढ़ रही है। देश में वर्ष 2022 में फूड प्रोसेसिंग उद्योग 26 लाख करोड़ रुपए का था जो अगले 3 वर्षो में बढ़कर 35 लाख करोड़ रुपये तक होने की उम्मीद है। इसलिए इस उद्योग में निवेश व विकास की व्यापक संभावनाएं है।

श्री मनोहर लाल ने सभी उद्यमियों का कृषि प्रधान प्रदेश हरियाणा में फूड प्रोसेसिंग उद्योग को नए आयाम देने के  लिए धन्यवाद भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने उद्योग लगाकर न केवल हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्र के विकास में, बल्कि रोजगार बढ़ाने सहित लाखों किसानों की आय बढ़ाने में भी योगदान दिया है।

प्रदेश में 28 हजार फूड प्रोसेसिंग यूनिट हैं संचालित

श्री मनोहर लाल ने कहा  कि वर्तमान सरकार ने पिछले 9 सालों में प्रदेश में ऐसा माहौल बनाया है, जिसमें कारोबार करना आसान हो गया है, विभिन्न विभागों से अनुमति लेना सरल बना दिया गया है। हरियाणा कृषि व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति अधिसूचित करने के साथ-साथ, प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों  की स्थापना के लिए अनेकों प्रकार की सब्सिडी एवं करोडो रुपयों का सहायता अनुदान दिया जा रहा है। परिणामस्वरूप, हरियाणा में अब तक लगभग 28 हजार फूड प्रोसेसिंग यूनिट लग चुकी हैं।

 एमएसएमई के तहत मिलने वाले लाभ उठाए उद्यमी

मुख्यमंत्री ने फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लाभार्थियों से सीधा संवाद करते हुए ऐसे सभी उद्यमियों से  आग्रह करते हुए कहा कि वे एमएसएमई का लाभ उठाकर अपने उद्योग को तेजी से आगे बढाएं। साथ ही हरियाणा प्रदेश द्वारा उद्यम एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति के भी लाभ उठाए।

उन्होंने बताया कि हरियाणा में उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर 6 लाख 44 हजार 544 उद्यम पंजीकरण प्रमाणित एम.एस.एम.ई. हैं। इनमें से 27 हजार 370 एम.एस.एम.ई. पंजीकृत हैं। फूड फूड प्रोसेसिंग इकाइयों के रूप में एम. एस.एम.ई. पॉलिसी व एचईईपी- 2020 के तहत कुल 4860 इकाइयों ने विभिन्न लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन किए हैं। इनमें से 1501 इकाइयों को लाभ वितरित किए जा चुके हैं तथा 719 इकाइयों को लाभ देने की प्रक्रिया चल रही है।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता विश्व स्तर के मानकों के अनुरूप हो

उन्होंने फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के विकास हेतु अपने सुझाव साझा करते हुए  कहा  कि फूड प्रोसेसिंग उत्पादों की गुणवत्ता विश्व स्तर के मानकों के अनुरूप होनी चाहिए ताकि हमारा उद्योग वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सके। साथ ही, फूड प्रोसेसिंग के दौरान कृत्रिम प्रिजर्वेटिव का न्यूनतम प्रयोग होना चाहिए। ऐसे उत्पाद तैयार करें, जिनमें चीनी, नमक व फैट कम से कम हो, क्योंकि स्वास्थ्य के प्रति सचेत उपभोक्ता ऐसे खाद्य पदार्थों की मांग कर रहे हैं। पैकिंग आकर्षक और सुरक्षित होनी चाहिए ।

उन्होंने कहा  कि मेरे सभी साथी कड़ी मेहनत और नवाचार अपनाकर व्यवसाय संभावनाओं को समृद्धि में बाधाओं को अवसरों में और आकांक्षाओं को उपलब्धियों में बदल सकते हैं। व्यवसाय चाहे छोटा हो या बड़ा, वैश्विक हो या स्थानीय, सभी के लिए प्रगति सुनिश्चित कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा  सरकार विदेशी सहयोग विभाग  के  माध्यम  से प्रदेश की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के उत्पादों की पहुंच अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक करने  की  योजना  पर काम कर रही है ताकि हमारे  कर्मठ उद्यमियों अपने उत्पाद को विदेशों में भी बेच सके।