नारनौल के दोंगड़ा गांव में जन संवाद के दौरान सीएम का विरोध, गांव हुआ पुलिस छावनी में तब्दील

Protest against CM during public dialogue in Dongda village of Narnaul, village turned into police cantonment
 

हरियाणा में बीजेपी पार्टी के प्रमुख सीएम मनोहर लाल खट्टर जहां भी जाते हैं कहीं ना कहीं विवादों में फंस जाते हैं।  किसान मजदूर हर वर्ग के लोग उनका विरोध कर रहे हैं । आखिर ऐसा हरियाणा सरकार ने क्या कर दिया कि लोगों ने उनका हर जगह विरोध करके स्वागत कर रहे हैं।  पिछले 2 सप्ताह पहले सिरसा जिला में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का जनसंवाद कार्यक्रम था।  3 दिन के इस कार्यक्रम में हरियाणा के सीएम का विरोध हुआ।  सबसे पहला विरोध सिरसा जिला के खैरेका  गांव में हुआ था।  जहां पर किसानों ने सीएम का विरोध करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाए। 

उसे अगले दिन बणी  गांव के अंदर जनसंवाद के कार्यक्रम के दौरान बणी  गांव की महिला सरपंच ने दुपट्टा पहनकर मुख्यमंत्री का विरोध जताया।  नैना झोरड़ ने  मंच के ऊपर जाकर अपनी शिकायत देनी चाही ।  उस दौरान वह तेस  में आकर मुख्यमंत्री के पैरों में दुपट्टा फेंकते हुए बोली कि भारत की बेटी की इज्जत है, बचा सकते हो तो बचा लो, लेकिन वही दड़बा' गांव के दबंग सरपंच संतोष बेनीवाल जिसने सीएम साहब को खुली चेतावनी दी थी।  कि अगर सिरसा में पैर रखते हो तो हम उनका काले झंडे दिखाकर विरोध करेंगे । और अपने हकों की लड़ाई लड़ते रहेंगे।  चाहे उन्हें जेल हो जाए या उन्हें फांसी पर चढ़ना पड़े। 

कल शाम की घटना है हरियाणा के नारनौल जिले के दोगड़ा गांव के जहां पर सीएम साहब जनसंवाद के प्रोग्राम के दौरान रात को रुके थे।  जब सुबह उठे तो ग्रामीणों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया । जिससे पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।  मौके के ऊपर सीआईडी के डीआईजी पहुंचे।  लोगों की घेराबंदी पुलिस ने कर दी । मौके पर हरियाणा के मंत्री रामविलास पासवान यहां पर पहुंचे ।  मामला पूरी तरह से गर्मआ चुका है।  आखिरकार लोग हरियाणा में बीजेपी सरकार का विरोध क्यों कर रहे हैं।  ऐसा सवाल उठता है आपकी क्या राय है कमेंट में जरूर।