हरियाणा सरकार द्वारा पराली प्रबंधन के लिए किए जा रहे प्रयासों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य - कृषि मंत्री जेपी दलाल

 

चंडीगढ़, 21 नवंबर- हरियाणा के पराली प्रबंधन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल ने सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से साफ है कि पड़ोसी राज्य पंजाब में पराली प्रबंधन के लिए इंतज़ाम बेहतर नहीं रहे हैं, इसलिए वहां पराली जलाने की घटनाएं अधिक हो रही हैं। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पराली से संबंधित वित्तीय प्रोत्साहन देने के तरीके के लिए पंजाब को हरियाणा से सीख लेनी की नसीहत दी है।

जेपी दलाल ने कहा कि हरियाणा में सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए कई कारगर कदम उठाएं हैं, इसके लिए राज्य के किसान भी बधाई के पात्र हैं। इस साल पराली जलाने की घटनाएं बहुत कम हुई हैं, इसमें किसानों की जागरूकता और सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूँ। हरियाणा के किसानों ने सरकार का सहयोग किया है और पराली प्रबंधन के लिए शुरू की गई योजनाओं को अपनाया है, इसी के परिणाम हैं कि राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में सफलता पाई है।

        उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर किसानों को जागरूक करने के लिए किए गए प्रयास धरातल पर सफल साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार पराली के जीरो-बर्निंग लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। पराली के उचित प्रबंधन के लिए सरकार किसानों को 1000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दे रही है और पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न मशीनें व उपकरण भी मुहैया करवाए जा रहे हैं।

सरकार ने किसान हित में शुरू की कई योजनाएं 

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के साथ साथ जल संरक्षण की दिशा में भी कदम बढ़ाए हैं। फ़सल विविधिकरण के लक्ष्य के साथ शुरू की गई मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत किसानों ने धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती को अपनाया है। इस बार भी किसानों ने धान की बिजाई करीब 1 लाख एकड़ में कम की है। सरकार ने किसान हित में लगातार नई नई योजनाएं शुरू की है। किसान और कृषि हमारी नीतियों के केंद्र में हैं।