Buffalo Farming: इन नस्लों की भैंसों को घर लाकर आप भी बन जाएंगे करोड़पति

 
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दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भारत प्रथम स्थान पर है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन के आधार पर भी अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इनमें भी ज्यादातर किसान भैंस पालते नजर आते हैं. दरअसल, पशु मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि भैंस अन्य दुधारू पशुओं की तुलना में अधिक दूध देने की क्षमता रखती है।

गांवों में रहने वाले किसान भैंस पालन का व्यवसाय कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. ऐसे में सबसे जरूरी है कि भैंसों का सही चयन किया जाए. अगर आपने भैंसों की ऐसी नस्ल चुनी है जिसकी दूध देने की क्षमता कम है तो आपका बिजनेस पूरी तरह से बर्बाद हो सकता है। यहां हम आपको उन भैंसों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें घर लाकर आप हर साल बंपर मुनाफा कमा सकते हैं।

मुर्रा नस्ल की भैंस दुनिया में सबसे अधिक दुधारू पशु मानी जाती है। ये भैंसें एक दिन में 13-14 लीटर दूध देती हैं. मुर्रा भैंस पालने वाले किसानों को उनके आहार का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

मेहसाणा की भैंस एक दिन में 20 से 30 लीटर दूध देती है। गुजरात और महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर किसान इस भैंस को पालते हैं।

महाराष्ट्र में पाई जाने वाली पंढरपुरी भैंस अपनी दूध देने की क्षमता के लिए भी जानी जाती है। वहीं सुरती नस्ल की भैंस भी दूध उत्पादन के मामले में पीछे नहीं है. ये दोनों भैंसें हर साल औसतन 1400 से 1600 लीटर दूध देती हैं।

डेयरी व्यवसाय करने वाले किसानों के लिए जाफराबादी, संभलपुरी भैंस, नीली-रवी भैंस, टोडा भैंस, सठकनारा भैंस अच्छी साबित हो सकती हैं। ये सभी भैंसें सालाना 1500 लीटर से 2000 लीटर तक दूध देती हैं और किसानों को अच्छा मुनाफा देती हैं।