क्या कुट्टू का आटा व्रत में खा सकते है, कहा होती है इसकी खेती ?
 

 

जी हां, कुट्टू का आटा (जो आमतौर पर "बकवास" के नाम से भी जाना जाता है) व्रत के दौरान खाया जा सकता है। यह एक लोकप्रिय अनाज है जिसे विशेष रूप से व्रत, उपवासी (fasting) या तीज-त्योहारों के दौरान खाया जाता है क्योंकि यह ग्लूटन-मुक्त होता है और शरीर के लिए हल्का होता है। इसके अलावा, कुट्टू के आटे में प्रोटीन, फाइबर, और मिनरल्स की अच्छी मात्रा होती है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।

कुट्टू की खेती कहाँ होती है?
कुट्टू की खेती मुख्य रूप से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों और कुछ अन्य जगहों पर की जाती है। खासकर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, और बिहार में इसकी खेती होती है। इसे सर्दियों के मौसम में उगाया जाता है, और यह उन स्थानों पर खासतौर से पाया जाता है जहाँ की मिट्टी और मौसम इसके लिए अनुकूल होते हैं।

व्रत में कुट्टू के आटे का उपयोग:
व्रत के दौरान कुट्टू का आटा अक्सर कुट्टू की पूरी, कुट्टू के पकौड़े, कुट्टू की टिक्की, कुट्टू की रोटी आदि बनाने में उपयोग किया जाता है। यह स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होता है, और इसमें न तो कोई अनहेल्दी तत्व होता है और न ही यह पेट में भारी होता है, जिससे व्रत के दौरान आसानी से खाया जा सकता है।