Delhi-Mumbai Expressway :दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर इस स्पीड लिमिट से दौड़ रहे वाहन, सामने आई ये बड़ी जानकारी

 
 

Delhi-Mumbai Expressway : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway) पर 250 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से वाहन दौड़ रहे हैं। यही नहीं इमरजेंसी कट को खोलकर लोग यू-टर्न ले रहे हैं।इससे हर पल हादसा होने की आशंका है। यह जानकारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा किए गए सर्वे में सामने आई है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षात्मक उपाए किए जाएंगे। विशेषज्ञों से भी राय ली जाएगी।


12 घंटे में पहुंच सकेंगे दिल्ली से मुंबई

दिल्ली से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई तक के शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर करने के उद्देश्य से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। फिलहाल कार से मुंबई पहुंचने में 24 घंटे से अधिक लग जाते हैं। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद 12 घंटे में पहुंच सकेंगे। यही नहीं कई शहरों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। फिलहाल जिले के गांव अलीपुर से राजस्थान में दौसा तक का हिस्सा चालू किया गया है।

120 किलोमीटर प्रति घंटा

सुरक्षा को ध्यान में रखकर एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार की अधिकतम सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित है, लेकिन अधिकतर वाहन ही इतनी रफ्तार से दौड़ रहे हैं।

कई बड़े हादसे 


इससे पिछले कुछ महीनों के दौरान कई बड़े हादसे हो चुके हैं। 22 अगस्त को नूंह इलाके में तेज रफ्तार रोल्स रायस फैंटम कार ने डीजल कैंटर में टक्कर मार दी थी। इससे टैंकर पलट गया था।यही नहीं अति सुरक्षित माने जाने वाली रोल्स रायस जैसी कार में आग लग गई थी। इस घटना को देखते हुए एनएचएआइ ने यह जानने का प्रयास किया कि आखिर कितनी रफ्तार से एक्सप्रेस-वे पर कारें दौड़ रही हैं। इसके लिए 15 सितंबर से पांच अक्टूबर तक एक लोकेशन का सर्वे किया गया।

250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार

उसमें जानकारी सामने आई कि बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज, लैंड रोवर, आडी, जैगुवार, लैंड क्रूजर, फाक्सवैगन सहित कई प्रकार की कारें हैं जो 180 से लेकर 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही हैं।इस वजह से कारें असंतुलित होकर डिवाइडर या फिर सामने चल रहे वाहन से टकराती हैं। रफ्तार अधिक होने की वजह से जब तक चालक संभलता है तब तक हादसा हो जाता है।

इमरजेंसी कट गंभीर 


एक्सप्रेस-वे पर हर पांच किलोमीटर के अंतराल पर इमरजेंसी मीडियन कट बनाए हैं ताकि किसी कारण से जाम लगने पर या कहीं दुर्घटना होेने पर वाहन को निकाला जा सके। लोग इसका इस्तेमाल यू-टर्न के लिए करने लगे हैं।एनएचएआइ के कर्मचारी समझाते हैं लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं। इसके लिए कुछ कटों को पूरी तरह से बंद करने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही विभिन्न माध्यमों से लाेगों को जागरूक किया जाएगा।


रफ्तार पर लगाम


एनएचएआइ का मानना है कि व्हीकल स्पीड डिडक्शन सिस्टम (वीएसडीएस) से ही वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगेगी। इसके अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है। बीच रास्ते में किसी वाहन काे रोका नहीं जा सकता। सिसटम विकसित होने के बाद निर्धारित से अधिक रफ्तार होते ही आनलाइन चालान हो जाएगा।

आनलाइन चालान शुरू

सोहना के नजदीक गांव अलीपुर से नूंह जिले में फिरोजपुर झिरका तक और राजस्थान इलाके में अलवर से लेकर दौसा तक के बीच सिस्टम विकसित किया चुका है। फिरोजपुर झिरका से अलवर के बीच सिस्टम विकसित होते ही आनलाइन चालान शुरू हो जाएगा। 10 किलोमीटर के अंतराल पर सिस्टम विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है।