Government Of Haryana - विधेयक होंगे पेश,शव रखकर प्रर्दशन करने,हुक्का परोसने व कबुतरबाजी पर कसेगी सरकार शिकंजा
हरियाणा विधानसभा का 3 दिवसीय शीतकालीन सत्र आज से यानि शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इस विधानसभा सत्र के दौरान जबरदस्त हंगामे के आसार हैं।
विपक्ष प्रदेश में जहरीली शराब कांड, फसलों का मुआवजा और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। आपको बता दें कि इस विधानसभा सत्र के दौरान हरियाणा सरकार 4 बिल पेश कर सकती है।
इन बिल में होटल-रेस्टोरेंट में हुक्का बार परोसने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने, मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023, कबूतरबाजी पर शिकंजा और निजी विश्वविद्यालय से संबंधित बिल शामिल हैं।
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने वीरवार को कहा था कि प्रदेश सरकार के खिलाफ विपक्ष के पास कुछ भी नहीं है। हम कमजोर नहीं हैं। हर प्रश्र का ठोस जवाब दिया जाएगा। शीत सत्र के दौरान सरकार 4 बिल पेश कर सकती है।
आपको बता दें कि विधानसभा सत्र के दौरान कुल 60 तारांकित प्रश्न सत्र की कार्यवाही का हिस्सा बनेंगे। वहीं, 156 अतारंकित प्रश्न पूछे गए हैं। 49 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव व एक अल्पअवधि प्रस्ताव की सूचना प्राप्त हुई है।
हुक्का परोसने पर होगी कैद
आपको बता दें कि विधानसभा सत्र के दौरान हुक्का परोसने वालों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार शीतकालीन सत्र में बिल ला रही है।
इसके तहत यदि किसी होटल या बार और रेस्त्रां में हुक्का परोसा तो आरोपियों पर एक लाख से लेकर दस लाख रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा।
इसके साथ गैरजमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी। गांव व चौपालों में पारंपरिक हुक्के को इसमें छूट दी गई है।
शव लेकर प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे:
इस विधानसभा सत्र के दौरान मृत शरीर सम्मान विधेयक भी पेश किया जाएगा।
जिसके तहत शव के साथ प्रदर्शन करने वालों पर जुर्माना किया जाएगा, कानूनी कार्रवाई का प्रावधान रखा जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद विरोध प्रदर्शन की स्थिति में शव के अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी पुलिस व प्रशासन की होगी।
कबूतरबाजी पर लगाम
पंजाब व चंडीगढ़ की तर्ज पर हरियाणा सरकार पंजीकरण एवं रेगुलेशन आफ द ट्रैवेल एजेंसीज एक्ट का बिल सरकार ला रही है। इसके तहत हर ट्रैवल एजेंसी को लाइसेंस लेना पड़ेगा और पंजीकरण भी कराना होगा।
निजी विश्वविद्यालय पर सख्ती
शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदेश सरकार प्राईवेट विश्वविद्यालय विधेयक भी ला रही है। जिसके तहत विद्यार्थियोंं को आरक्षण के तहत एडमिशन व फीस में छूट नहीं देने पर सरकार शिकंजा कस सकेगी।
बता दें कि विधेयक में यह भी शामिल किया गया कि नियमों के उल्लंघन पर दस लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक जुर्माना होगा।