गेहूं के भावों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी, जानें मंडी भाव 
 

 

हाल ही में गेहूं के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके कारण किसानों और व्यापारियों के बीच कई तरह की चर्चा हो रही है। इस साल गेहूं का उत्पादन अधिक होने के बावजूद सरकारी खरीद में कमी और मांग बढ़ने के कारण दाम में उछाल आया है।

गेहूं के दामों में बढ़ोतरी
त्योहारी सीजन की वजह से गेहूं की मांग में भी वृद्धि हो रही है, जिससे भावों में तेजी आना स्वाभाविक है। कई जगहों पर गेहूं के भाव 3000 रुपये प्रति क्विंटल के पार पहुंच गए हैं।
राजस्थान जैसे राज्यों में गेहूं की कीमतें 2,650 से 3,050 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई हैं। प्रतापगढ़ जिले में गेहूं के दाम 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने की खबर है।


सरकार की प्रतिक्रिया और OMMS (Open Market Sale Scheme)
सरकार गेहूं की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMMS) की योजना पर विचार कर रही है, जिसके तहत रोलर फ्लोर मिलर्स को अपने स्टॉक से गेहूं बेचने के निर्देश दिए जाएंगे। इससे गेहूं की कीमतों में स्थिरता लाने की कोशिश की जाएगी। लेकिन, किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें एमएसपी (Minimum Support Price) से ऊपर गेहूं के दाम मिल रहे हैं, और OMMS लागू होने से इनकी मुनाफा कम हो सकता है।

किसानों के लिए मुनाफा और बोनस
इस साल, किसानों को गेहूं पर बोनस भी मिल रहा है। राजस्थान में एमएसपी के ऊपर 125 रुपये का बोनस दिया गया है। इस तरह किसानों को गेहूं बेचने पर 2400 रुपये प्रति क्विंटल तक का रेट मिल रहा है, जो कि उन्हें बेहतर मुनाफा दे रहा है।


गेहूं की सरकारी खरीद में कमी
इस साल 1129.25 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ, जो पिछले साल से लगभग 24 लाख टन ज्यादा है। बावजूद इसके, सरकार 373 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई और लगभग 273 लाख मीट्रिक टन ही खरीदी जा सकी, जिससे बाजार में गेहूं की कमी महसूस हो रही है और इसके कारण दामों में वृद्धि हो रही है।


राजस्थान की प्रमुख मंडियों में गेहूं के ताजा दाम
पाली जिले के सुमेरपुर मंडी में गेहूं के दाम 2650 से 2910 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
प्रतापगढ़ जिले में गेहूं के दाम 2555 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुके हैं।
उदयपुर की फतेहनगर मंडी में गेहूं के दाम 2758 से 2963 रुपये प्रति क्विंटल तक दर्ज किए गए।
छोटी सादड़ी मंडी में गेहूं का न्यूनतम दाम 2667 रुपये और अधिकतम दाम 3050 रुपये प्रति क्विंटल रहा।


बाजार पर प्रभाव और भविष्य
सरकारी खरीद में कमी, त्योहारी सीजन की बढ़ती मांग, और किसानों द्वारा स्टॉक किए गए गेहूं की बिक्री के कारण गेहूं के दाम में आने वाले दिनों में और भी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।


व्यापारी और किसान दोनों सरकार से अपेक्षाएं कर रहे हैं कि गेहूं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएं।

इस समय गेहूं के दाम बढ़ने के पीछे सरकार की खरीद में कमी, बढ़ती मांग, और किसानों के स्टॉक का अहम योगदान है। हालांकि, OMMS योजना से सरकार गेहूं के दाम को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन किसान संगठन इस पर आपत्ति जता रहे हैं। गेहूं की कीमतों में और वृद्धि की संभावना जताई जा रही है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है, लेकिन उपभोक्ताओं के लिए चिंता की बात हो सकती है।