सहज कार्यशैली व अनूठे ‘अंदाज’ से विरोधियों का भी ‘दिल’ जीत रहे सी.एम. सैनी!

पुरानी नीतियों को दे रहे हैं गति तो नई योजनाओं का तैयार कर रहे हैं रोडमैप
 
सोशल मीडिया पर ‘अपनी सबसे दोस्ती, ना काहू से बैर’ लिखकर मुख्यमंत्री ने दिया खास संदेश

सहज कार्यशैली व अनूठे ‘अंदाज’ से विरोधियों का भी ‘दिल’ जीत रहे सी.एम. सैनी!
-पुरानी नीतियों को दे रहे हैं गति तो नई योजनाओं का तैयार कर रहे हैं रोडमैप
- सोशल मीडिया पर ‘अपनी सबसे दोस्ती, ना काहू से बैर’ लिखकर मुख्यमंत्री ने दिया खास संदेश



मुख्यमंत्रीे नायब सिंह सैनी अपने अनूठे अंदाज व कार्यशैली के चलते एक लोकप्रिय नेता के रूप में उभर कर सामने आए हैं। खास बात यह है कि अब भाजपा नेताओं व कार्यकत्र्ताओं के साथ-साथ उनकी कार्यशैली की प्रशंसा उनके विरोधी भी करने लगे हैं।  सैनी के स्वभाव एवं सरलता की प्रशंसा तो स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं। इसके अलावा महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद, ज्ञानानंद महाराज सहित अनेक संत एवं नेता भी उनकी कार्यशैली की सराहना कर चुके हैं।


गौरतलब है कि सैनी का पहला कार्यकाल महज 219 दिनों का रहा और अब दूसरे कार्यकाल को 35 दिन हो चुके हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद से वे लगातार सक्रिय हैं। जहां वे प्रगतिशील योजनाओं को गति दे रहे हैं, तो नई योजनाओं का रोडमैप भी तैयार कर रहे हैं। सियासी विश्लेषक मानते हैं कि सैनी के चेहरे पर हर समय मुस्कान रहती है और वे किसी भी परिस्थिति में विचलित नहीं होते हैं। उनके सरल स्वभाव एवं सहज कार्यशैली की विरोधी भी सराहना कर रहे हैं। वीरवार को सिरसा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सिरसा से कांग्रेस के विधायक गोकुल सेतिया ने भी जब उनकी कार्यशैली की खुले मंच पर मुक्तकंठ से प्रशंसा की तो सभी चकित रह गए और गोकुल सेतिया द्वारा मुख्यमंत्री की गई तारीफ का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।


भीड़ में से नाम पुकार कर बुला लेते हैं सी.एम.


खास बात यह है कि मुख्यमंत्री से मिलने वाले व्यक्ति उनकी कार्यशैली के कायल नजर आते हैं। सिरसा के 75 वर्षीय वेद प्रकाश वधवा बताते हैं कि अपने काम के सिलसिले में वे मुख्यमंत्री से मिलने 23 अक्तूबर को चंडीगढ़ पहुंचे। इससे पहले वे जुलाई में नायब सैनी से सिरसा में एक कार्यक्रम के दौरान मिले थे। सैनी ने उन्हें भीड़ में देखा तो नाम पुकारा और पास बुलाया। संबंधित अधिकारी को काम करने के निर्देश दिए और फिर काम करवाने के बाद उनसे इस बारे में फीडबैक भी लिया। वधवा बताते हैं कि 21 नवंबर को मुख्यमंत्री सिरसा में मैडीकल कालेज के भूमि पूजन में आए। वे भी अपने मित्र देसराज कम्बोज के साथ गए थे। वहां मिलने का मौका नहीं मिला। इसके बाद मुख्यमंत्री सैनी विश्राम गृह में चले गए। वे भी विश्राम गृह के परिसर में खड़े थे। सैनी आए और गाड़ी में जाने लगे तो नजर उन पर पड़ी। सैनी ने गाड़ी रुकवाई और शीशा नीचे करके बड़े ही गर्मजोशी के साथ उनसे मिले। वधवा के अनुसार उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में अनेक मुख्यमंत्री देखे हैं, लेकिन ऐसी कार्यशैली किसी मुख्यमंत्री की नहीं देखी है।


कांग्रेस विधायक ने ऐसे की खुलकर तारीफ


विशेष पहलू यह है कि अभी 8 अक्तूबर को चुनावी नतीजे आए और 17 अक्तूबर को नायब सैनी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। अभी सरकार का गठन हुए करीब एक माह का ही समय हुआ है और इतनी कम अवधि में ही सैनी ने विरोधी दलों में भी अपनी लोकप्रियता साबित कर दी है। यही वजह है कि सिरसा से कांग्रेस के विधायक गोकुल सेतिया ने भी खुलकर उनकी तारीफ की। गोकुल सेतिया के अनुसार वे सिरसा के वायुसेना केंद्र पर सैनी से मिलने गए। मिलने वालों की सूची में उनका नाम नदारद मिला। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री को मिली तो उन्होंने तीन मिनट तक उनका इंतजार किया और गर्मजोशी के साथ उनसे मिले। गोकुल सेतिया ने तो यहां तक कहा कि अपने जीवन में उन्होंने ऐसा शख्स नहीं देखा। वे बिना किसी भेदभाव के काम कर रहे हैं और वे उनकी कार्यशैली की प्रशंसा करते हैं।

प्रत्येक जगह करते हैं प्रधानमंत्री मोदी व केंद्रीय मंत्री खट्टर की प्रशंसा


नायब सिंह सैनी संगठन में अहम पदों पर रहे और खास बात यह है कि उनको लंबे समय तक नरेंद्र मोदी एवं मनोहर लाल खट्टर के साथ काम करने का भी अवसर मिला। वे अक्सर सार्वजनिक सभाओं व कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल की चर्चा अवश्य करते हैं। विधानसभा के भीतर एवं बाहर दोनों जगह वे यह चर्चा कर चुके हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मनोहर लाल खट्टर द्वारा साढ़े 9 वर्षों के दौरान प्रदेश में जनहित में जो नीतियां लागू की गई, उन्हीं की बदौलत भाजपा न केवल तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने में सफल हुई है, बल्कि लोगों का दिल जीतने में भी हम कामयाब हुए हैं और हम अब उन्हीं नीतियों को आगे बढ़ा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 1996 में नायब सिंह सैनी भाजपा कार्यालय में कम्प्यूटर ऑप्रेटर के रूप में कार्यरत थे। उस समय नरेंद्र मोदी हरियाणा के प्रभारी एवं मनोहर लाल खट्टर संगठन महामंत्री थे। वे कभी-कभार मनोहर लाल खट्टर की गाड़ी भी चलाते थे। 2014 में मोदी की अनुशंसा के बाद ही उन्हें नारायणगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया। वे पहली बार विधायक बने और 2016 में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मनोहर लाल की सरकार में राज्य मंत्री बने। 2019 में पार्टी ने उन्हें कुरुक्षेत्र से संसदीय चुनाव लड़वाया। वे पहली बार सांसद बने। इसी साल 12 मार्च को नायब सैनी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। बाद में मई में हुए करनाल उपचुनाव जीतकर सैनी विधायक चुने गए और तीसरी बार वे लाडवा सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं।


परिवारजनों से मिलने पर दूर हो जाती है पूरे दिन की थकान: सैनी


खास बात यह है कि सैनी की छवि एक निॢववादित नेता की तो है वहीं जिस तरह से उनके विरोधी भी उनकी खुलकर प्रशंसा कर रहे हैं, उससे सैनी की  बिना भेदभाव एवं द्वेष के राजनीति करने की विचारधारा भी सामने आ रही है और वे अपनी यह भावनाएं वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी शेयर कर रहे हैं। उन्होंने दो दिन पहले अपने फेसबुक पेज पर लोगों से मुलाकात की फोटो शेयर करते हुए लिखा कि ‘राम-राम है भोर की, राम रखेंगे खैर। अपनी सबसे दोस्ती, ना काहू से बैर।।’ खास बात यह है कि मुख्यमंत्री जब चंडीगढ़ में होते हैं तो अपने आवास संत कबीर कुटीर पर जनता दरबार में लोगों की समस्याएं सुनते हैं। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री सैनी का कहना है कि पूरे दिन लगातार कार्यक्रम में रहते हुए जब रात को अपने परिवारजनों से मिलता हूं, उनका हाल-चाल पूछता हूं तो सारी थकान दूर हो जाती है। अहम बात यह है कि  वे अपने आवास संत कबीर कुटीर पर जन दरबार में लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और मौके पर उनका समाधान करते हैं। वे मौके पर ही अधिकारियों को फोन पर समस्याओं के समाधान के निर्देश भी देते हैं।



चंडीगढ़ स्थित आवास पर लोगों की समस्याएं सुनकर मौके पर ही अधिकारियों को निवारण के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।