सरसों की वेरायटी के लिए इस किस्म की करें खेती, बंपर मुनाफे के साथ कर देगी किसानो को खुश
रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही किसान सरसों की बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं। सरसों की खेती एक लाभकारी विकल्प हो सकती है, खासकर यदि आप उन्नत किस्मों का चुनाव करते हैं। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी गई सलाह के अनुसार, इस सीजन में बंपर मुनाफा पाने के लिए सरसों की सही किस्मों का चयन और उचित खेती की तकनीकों को अपनाना आवश्यक है।
सरसों की अगेती बुवाई के लिए बेहतरीन किस्में:
1. आईसीएआर पूसा की किस्में:
- पूसा सरसों-25
- पूसा सरसों-26
- पूसा सरसों-28
- पूसा अगर्णी
- पूसा तारक
- पूसा महक
इन किस्मों का चयन करके आप अगेती बुवाई कर सकते हैं। इस समय से ही बीज की व्यवस्था कर लें ताकि बुवाई का समय आते ही काम में कोई देरी न हो।
2. भरतपुर सरसों 11 (Mustard BPM 11):
- ICAR के सरसों रिसर्च केंद्र द्वारा भरतपुर सरसों 11 किस्म पेश की गई है। यह किस्म अल्टरनेरिया पत्ती झुलसा, डाउनी फफूंद, पाउडरी फफूंद जैसी बीमारियों से बचाव में सक्षम है। इससे कीट और रोगों की रोकथाम में किसानों को बहुत कम खर्च आएगा।
- इस किस्म से उपज अन्य किस्मों के मुकाबले अधिक होती है। यह किस्म 123 दिन में तैयार हो जाती है और 19 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज दे सकती है।
- राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, और बिहार में यह किस्म बुवाई के लिए उपयुक्त मानी गई है।
- तेल की मात्रा इस किस्म में 37% से अधिक होती है, जिससे किसानों को अतिरिक्त लाभ हो सकता है।
सरसों की बुवाई के लिए सही समय और तरीका:
- बुवाई का सही समय:
- बारानी क्षेत्रों में 25 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच।
- सिंचित क्षेत्रों में 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच।
- सरसों की बुवाई के लिए 25-26 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे उपयुक्त होता है।
- बुवाई का तरीका:
- बुवाई कतारों में करनी चाहिए।
- कतारों की दूरी: 45 सेंटीमीटर।
- पौधों के बीच की दूरी: 20 सेंटीमीटर।
खाद और उर्वरक:
- सरसों की बुवाई से 3-4 सप्ताह पहले 8-10 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद डालें।
- सिंचित फसल के लिए आवश्यकतानुसार नाइट्रोजन, फॉस्फ़ोरस, डीएपी, यूरिया, और सिंगल सुपर फॉस्फेट का प्रयोग करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पौधे को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलें, मिट्टी की जांच कराना भी लाभकारी होगा।
सिंचाई:
- पहली सिंचाई फूल आने से 28-35 दिन बाद करनी चाहिए।
- दूसरी सिंचाई फलियों के बनते समय 70-80 दिन बाद करनी चाहिए, यदि आवश्यकता हो तो तीसरी सिंचाई भी की जा सकती है।
सरसों की कटाई:
- कटाई का समय: सरसों की कटाई मध्य फरवरी से मार्च के बीच होती है। इस समय तक फसल पूरी तरह से तैयार हो जाती है।
रबी सीजन में सरसों की खेती से आप उच्च उपज और बंपर मुनाफा हासिल कर सकते हैं, यदि आप सही किस्म और कृषि तकनीकों का पालन करते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा सुझाई गई उन्नत किस्में जैसे पूसा सरसों-25, भरतपुर सरसों 11 और अन्य किस्में किसानों के लिए बहुत लाभकारी हो सकती हैं। इस प्रकार, उपयुक्त बीज, सिंचाई और खाद के सही उपयोग से सरसों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।