नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति बावजूद हरियाणा मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति कानूनन संभव -- एडवोकेट हेमंत

एडवोकेट हेमंत
 
हरियाणा मानवाधिकार

समाप्त हो गया था. हालांकि आयोग में एक अन्य  गैर-न्यायिक पृष्ठभूमि के सदस्य नामत: दीप भाटिया को  20 सितंबर 2018 को पांच   वर्ष के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था, जो 11 मई 2023 तक पांच साल की अवधि के लिए इस पद पर बने रहे और तत्पश्चात  12 मई 2023 से 19 सितंबर 2023 तक भाटिया ने आयोग के  कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया.

जहां तक राज्य मानवाधिकार आयोग  के अध्यक्ष और सदस्यों की   नियुक्ति सम्बन्धी ताज़ा  कानूनी प्रावधानों  का विषय  है, तो हेमंत ने बताया कि   पांच वर्ष पूर्व मानव अधिकार संरक्षण  अधिनियम, 1993 में देश की संसद द्वारा  कुछ   संशोधन किये  गए   था एवं वह सभी संशोधित  प्रावधान 2 अगस्त 2019 से प्रभावी  हो गए थे  एवं संशोधित धारा 24  अनुसार   राज्य मानवाधिकार आयोग  के अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल,  जो पहले  पांच वर्ष हुआ करता था

उसे   घटाकर तीन वर्ष अथवा अध्यक्ष/सदस्यों की   70 वर्ष की आयु पूरी होने  करने तक, जो भी पहले हो, तक कर दिया गया.  हालांकि  राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य  70 वर्ष की आयु सीमा से पहले तक  पुनर्नियुक्ति के लिए भी  पात्र हैं परन्तु  कार्यकाल समाप्त होने के  पश्चात वे  राज्य सरकार अथवा भारत सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन (नियुक्ति) के लिए पात्र नहीं होंगे. इसके अतिरिक्त   2019 कानूनी संशोधन द्वारा  मानव अधिकार संरक्षण  अधिनियम, 1993 की धारा 21(2) में  हुए संशोधन के बाद अब यह प्रावधान है कि राज्य मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष न केवल हाई कोर्ट  का रिटायर्ड चीफ जस्टिस (मुख्य न्यायधीश)  हो सकता है, बल्कि  हाईकोर्ट  का रिटायर्ड  जस्टिस (न्यायधीश)  भी हो सकता है.    


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THANKS & WARM REGARDS,
 


HEMANT KUMAR
M.A.(Pub Admn) LL.B
(GENERAL) ADVOCATE, 
PUNJAB & HARYANA HIGH COURT, CHANDIGARH