संस्कृत भारती हरियाणा न्यास के प्रयास सराहनीय संत हरिनाम दास संस्कृत में अव्वल रहे विद्यार्थियों व शिक्षकों को किया सम्मानित
 

Efforts of Sanskrit Bharati Haryana Trust commendable Saint Harinam Das Honored students and teachers who topped in Sanskrit
 
 
सिरसा। संस्कृत भारती हरियाणा न्यास: की ओर से सिरसा शहर का जनपद सम्मेलन रविवार को विवेकानंद भवन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डेरा बाबा भूमण शाह, मल्लेवाला से आए मुख्यातिथि संत हरिनाम दास तथा विशिष्टातिथि गोविन्द शर्मा जनपद, शिक्षण प्रमुख द्रोणप्रसाद कोइराला द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। इसके पश्चात मुख्यातिथि, विशिष्टातिथि तथा मुख्यवक्ता का कार्यक्रम में पधारने हेतु सम्मान किया गया। मुख्यातिथि संत हरिनाम शास्त्री ने अपने संबोधन में सभी को संस्कृत की महत्ता बताते हुए कहा कि संस्कृतभाषा ही संस्कार है। संस्कृतभाषा के बिना व्यक्ति का जीवन अधूरा है। उन्होंने संस्कृत भारती के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संगठन घर-घर संस्कृत पहुंचाने का काम कर रहा है। उन्होंने आश्वसान दिया कि वे भी संस्कृत भारती संगठन के इस कार्य में भागीदारी करेंगे। मुख्यवक्ता  द्रोणप्रसाद कोइराला ने संस्कृत से नवभारत का निर्माण विषय पर बोलते हुए कहा कि भारतीय धर्म और संस्कृति की मूल एक ही भाषा है, संस्कृत। संस्कृत भारत होगा तो समर्थ भारत हो जाएगा। कार्यक्रम में अनेकों  विद्यालयों से आए हुए छात्रों ने तथा विश्वविद्यालय, महाविद्यालय स्तर के विद्यार्थियों ने भी प्रस्तुतियां दी। इस कार्यक्रम में 205 प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता की। तदुपरांत कक्षा छठी से 12वीं कक्षा के निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने पूर्व में अपनी कक्षा में संस्कृत विषय में प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त किया था। इस अवसर पर कार्यक्रम में पहुंचे सभी संस्कृत शिक्षकों का भी विशेष सम्मान किया गया। कार्यक्रम में जिलामंत्री बलजिन्द्र, विभाग संयोजक शैलेन्द्र, कपीश, राकेश, सुनील, राजवीर, मनोज भारत, पारस, राहुल, परमजीत, चन्द्रभान, रोहित, नरेश, मंगल, नीरू, रवीना, पूजा, कविता, निशा, निशू, लक्ष्मी, विनोद, दुष्यन्त, कमलजीत, सतीश सहित संस्था से जुड़े तमाम कार्यकर्ता उपस्थित रहे।