विधिक सेवा प्राधिकरण की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत 9 मार्च 2024 को
 

Legal Services Authority's first National Lok Adalat on 9 March 2024
 
 
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में अपराधिक मामले, धारा 138 के तहत एनआई एक्ट के मामले, एमएसीटी मामले, वैवाहिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली और पानी से संबंधित मामले (गैर शमनयोग्य मामलों को छोडक़र) वेतन और भत्ते तथा पुन: परिक्षण लाभ से संबंधित सेवा मामले, और राजस्व व अन्य सहायक मामले जो कि सुलझाने योग्य हैं इस अदालत में लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आपसी सहमति से हल हो सकने वाले मामलों में राष्ट्रीय लोक अदालत बहुत ही कारगर सिद्ध हो रही हैं और राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है।
उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। राष्ट्रीय लोक अदालत में सस्ता और सुलभ न्याय मिलता है। राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से लोगों का बिना समय व पैसा गवाएं केसों का समाधान किया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालतों में न तो किसी पक्ष की हार होती है और न ही जीत बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान करवाया जाता है।