Goat Farming : बकरी की ये नस्ल किसानों को बनाएगी करोड़पति, जानें बकरी की कीमत और खास बातें

Goat Farming: This breed of goat will make farmers millionaires, know the price and special features of goat
 

देश की दो-तिहाई से अधिक ग्रामीण आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि और पशुपालन पर निर्भर है। इस बीच, हाल के दिनों में गांवों में बकरी पालन रोजगार तेजी से बढ़ रहा है।

बकरी पालन व्यवसाय से कई किसान आर्थिक रूप से मजबूत भी हुए हैं. ऐसे में बकरी की एक खास नस्ल छोटे किसानों और गरीबों के लिए किसी एटीएम से कम नहीं है. यह बकरी अपने मांस, दूध, चमड़ा और गोबर से उनकी आय बढ़ाती है। आइए जानते हैं यह कौन सी नस्ल है और इसकी विशेषताएं क्या हैं।

सोनपरी बकरी की विशेषताएँ

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में पाई जाने वाली सोनपरी बकरी अन्य नस्लों से काफी अलग है। यह मध्यम आकार का होता है और इसे कठिन वातावरण में आसानी से पाला जा सकता है। इसे पहचानना भी बेहद आसान है. यह दिखने में गहरे भूरे रंग का होता है। इसकी पीठ पर गर्दन से पूंछ तक काले खुरदरे बालों की एक पट्टी होती है। इसके सींग नुकीले और पीछे की ओर मुड़े हुए होते हैं।

मांस का अच्छा उत्पादन

आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि सबसे ज्यादा मांस सोनपरी बकरी से प्राप्त होता है। यह बकरा देखने में बेहद खूबसूरत और महंगा है, इसलिए बाजार में इसकी काफी मांग है। इसका मांस बेहद स्वादिष्ट होता है, इसलिए लोग अक्सर सोनपरी बकरी का मांस पसंद करते हैं। यही कारण है कि बाजार में अन्य बकरों की तुलना में इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। साथ ही एक वयस्क सोनपरी बकरी का वजन लगभग 25 से 28 किलोग्राम होता है।

एक बकरी जो चार बच्चे देती है

सोनपरी बकरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक बार में चार बच्चों को जन्म दे सकती है। यह आमतौर पर दो से तीन बच्चे देती है। जबकि अन्य नस्ल की बकरियां विशेष परिस्थितियों में केवल तीन बच्चों को ही जन्म दे सकती हैं। इसके अलावा, सोनपरी बकरी अन्य नस्लों की तुलना में रोगों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होती है, यही कारण है कि बकरी पालक इसे बहुत पसंद करते हैं। जहां तक ​​दूध उत्पादन की बात है तो यह आधा लीटर से एक लीटर तक दूध देती है। छोटे किसान इस नस्ल की बकरियों को पालकर अच्छी आय कमा सकते हैं।