अगर अंगूठी पहनने के हो शौकीन तो जान लो नियम, किस उम्र में करें धारण
अंगूठी पहनने की सही संख्या: रत्न शास्त्र के अनुसार
अंगूठियां पहनने का शौक बहुत लोगों में होता है, और कई बार ये अंगूठियां खास रत्नों या धातुओं से बनाई जाती हैं, जो किसी विशेष ग्रह को शांत करने या जीवन में शुभ फल प्राप्त करने के लिए पहनी जाती हैं। हालांकि, रत्न शास्त्र के अनुसार, अंगूठियां पहनने की एक निश्चित संख्या और नियम होते हैं, जो व्यक्ति की किस्मत, स्वास्थ्य और जीवन में तरक्की को प्रभावित कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि रत्न शास्त्र में अंगूठियां पहनने से संबंधित क्या नियम हैं।
अंगूठियां पहनने की सही संख्या
बच्चों के लिए रत्न धारण करना निषेध:
रत्न शास्त्र में यह कहा गया है कि 14 वर्ष से पहले किसी भी बच्चे को रत्न धारण करने की अनुमति नहीं होती। इसका कारण यह है कि बच्चे रत्न की शुद्धता बनाए रखने में सक्षम नहीं होते हैं और उनका प्रभाव अनियंत्रित हो सकता है।
इसके अलावा, बीमार व्यक्तियों को भी रत्न पहनने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल सकता है।
पुरुषों के लिए नियम:
पुरुषों के लिए रत्न शास्त्र के अनुसार, एक या दो अंगूठी पहनना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को भाग्य का साथ मिलता है और तरक्की के मार्ग खुलते हैं।
यदि एक पुरुष दो से अधिक अंगूठियां पहनता है, तो इसका उल्टा असर हो सकता है। अधिक अंगूठियां पहनने से काम बिगड़ने लगते हैं और असफलता का सामना करना पड़ सकता है।
महिलाओं के लिए नियम:
महिलाओं के लिए रत्न शास्त्र में कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। महिलाएं तीन अंगूठियां पहन सकती हैं, जो उनके लिए शुभ मानी जाती हैं।
हालांकि, ध्यान रखना चाहिए कि एक ही हाथ में तीन अंगूठियां नहीं पहननी चाहिए क्योंकि यह अशुभ परिणाम दे सकता है।
दूसरे हाथ में एक या दो अंगूठी पहनना अच्छा होता है, जिससे ग्रह दोष और रत्न दोष से बचा जा सकता है।
क्यों मायने रखती है अंगूठियों की संख्या?
रत्न शास्त्र में हर अंगूठी के साथ जुड़ा हुआ एक ग्रह होता है, और ये ग्रह व्यक्ति की किस्मत, स्वास्थ्य, और समृद्धि पर प्रभाव डालते हैं।
अंगूठियों की संख्या से यह तय होता है कि व्यक्ति पर कौन से ग्रहों का प्रभाव अधिक रहेगा, और क्या वे ग्रह आपके जीवन के लिए शुभ हैं या अशुभ।