इन लोगों से कभी न छुआएं अपने पैर, माना जाता है अशुभ
भारत में प्राचीन समय से ही कुछ सांस्कृतिक मान्यताएं और परंपराएं रही हैं, जो हमारे जीवन को मार्गदर्शन देने के साथ-साथ शुभ-अशुभ का भेद भी करती हैं। हमारे समाज में कई चीजों को शुभ और अशुभ के रूप में देखा जाता है, और इस संदर्भ में पैर छूने की परंपरा भी जुड़ी हुई है। कुछ विशेष व्यक्तियों या स्थितियों में पैर छूना शुभ माना जाता है, जबकि कुछ स्थानों या व्यक्तियों से पैर नहीं छूने की सलाह दी जाती है। यह मान्यता भी प्राचीन संस्कृतियों और धार्मिक विश्वासों से जुड़ी है।
जिनसे कभी न छुएं अपने पैर (जिन्हें "शुभ" नहीं माना जाता):
उम्र में बड़े लोग (लेकिन सम्मान न करने वाले):
अक्सर हमारी संस्कृति में उम्र में बड़े लोगों को सम्मान देने के लिए उनके पैर छूने की परंपरा है, लेकिन जो व्यक्ति स्वयं को सम्मान देने योग्य नहीं मानते (जैसे अभद्र भाषा बोलना, दुर्व्यवहार करना), उनसे पैर छूना शुभ नहीं होता।
बुरी नजर वाले लोग (विलेन):
कुछ लोग, जिनकी दृष्टि या इरादे अच्छे न हों, उनसे पैर नहीं छूने चाहिए। ऐसे लोग जिनसे आपको खतरा हो या जिनका आचरण गलत हो, उनके पैर छूने से नकारात्मक ऊर्जा का सामना हो सकता है।
जो लोग झूठ बोलते हैं या धोखा देते हैं:
अगर कोई व्यक्ति लगातार झूठ बोलता है या धोखा देने के लिए मशहूर है, तो उससे पैर छूने से आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसे शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि यह आपकी आत्मा और मानसिक शांति को प्रभावित कर सकता है।
शरीर से अशुद्ध या अपवित्र लोग:
किसी ऐसे व्यक्ति से पैर छूना, जो शारीरिक या मानसिक रूप से अशुद्ध माना जाए, जैसे कि शराब पीने वाले, नशेड़ी लोग या गंदगी में रहने वाले लोग, शुभ नहीं माना जाता। ऐसे व्यक्तियों से दूर रहना और उनका सम्मान करना ही बेहतर होता है।
धार्मिक या दैवीय रूप से अपवित्र लोग:
कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति अपने धार्मिक कर्तव्यों में लापरवाह रहते हैं, या जो आत्मिक रूप से अपवित्र होते हैं (जैसे कि नशा करना, गलत कार्य करना आदि), उनसे पैर छूना अशुभ माना जाता है।
किनसे पैर छूने से लाभ होता है (जिन्हें शुभ माना जाता है):
अधिकारियों और गुरुओं से:
धार्मिक गुरु, शिक्षक, और वरिष्ठ व्यक्ति (जिन्हें आप सम्मान देते हैं) के पैर छूना शुभ माना जाता है। यह संस्कार, शिक्षा, और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है।
माता-पिता और बुजुर्गों से:
माता-पिता और दादा-दादी से पैर छूना भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह उनके प्रति प्रेम और सम्मान व्यक्त करने का एक तरीका है।
सत्पुरुष और संतों से:
संत, महात्मा, और धार्मिक साधु-संतों के पैर छूना बहुत शुभ माना जाता है। इन्हें "आध्यात्मिक गुरु" के रूप में सम्मानित किया जाता है, और इनके आशीर्वाद से जीवन में शांति और समृद्धि आती है।