शाम को कभी नहीं धोने चाहिए कपड़े, वरना पड़ जाओंगे मुसीबत में, जानें क्या है सही समय 
 

 

वास्तु शास्त्र न केवल घर की संरचना और सजावट के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन की गतिविधियों में भी इसका प्रभाव होता है। इनमें से एक आम काम, जो अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है, वह है कपड़े धोना। वास्तु शास्त्र के अनुसार, कपड़े धोने के सही समय और दिशा का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और नकारात्मकता से बचा जा सकता है। आइये, जानते हैं कपड़े धोने से जुड़ी वास्तु की कुछ महत्वपूर्ण बातें:

1. शाम के समय कपड़े धोने से बचें (Avoid Washing Clothes in the Evening)
वास्तु के अनुसार, सूर्यास्त के बाद किसी भी प्रकार की सफाई या धोने के काम को करने से बचना चाहिए। शाम के समय कपड़े धोने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है, जिससे घर में आर्थिक संकट और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके बजाय, सुबह या दिन के पहले हिस्से में कपड़े धोना सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस समय घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

2. कपड़े सुखाने की दिशा (Drying Clothes in the Right Direction)
कपड़े धोने के बाद उन्हें सुखाने की दिशा भी वास्तु के अनुसार महत्वपूर्ण होती है। कपड़े हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में सुखाने चाहिए। इन दिशाओं में सुखाए गए कपड़े घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और जीवन में उन्नति के द्वार खोलते हैं। इसके विपरीत, पश्चिम और दक्षिण दिशा में कपड़े सुखाना अशुभ माना जाता है, जिससे घर में नकारात्मकता फैलने की संभावना होती है।

3. कपड़े धोने का सही दिन (Best Days to Wash Clothes)
वास्तु के अनुसार, सप्ताह के कुछ दिन कपड़े धोने के लिए अनुकूल माने जाते हैं। मंगलवार और शनिवार को कपड़े धोने से बचना चाहिए क्योंकि ये दिन मंगल और शनि ग्रह से जुड़े होते हैं, जो जीवन में समस्याएं और बाधाएं उत्पन्न कर सकते हैं। इसके बजाय, सोमवार, बुधवार और गुरुवार को कपड़े धोना शुभ माना जाता है। इन दिनों में किए गए कार्यों में सफलता की संभावना अधिक होती है।

4. धुलाई के पानी का ध्यान रखें (Care for the Water Used in Washing)
वास्तु के अनुसार, धुलाई के पानी का सही दिशा में प्रवाह भी महत्वपूर्ण होता है। अगर गंदा पानी घर के अंदर रुकता है या गलत दिशा में बहता है, तो यह नकारात्मकता का कारण बन सकता है। कोशिश करें कि धुलाई का पानी दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर निकले, ताकि घर की सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित न हो। इस दिशा में पानी बहने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है और घर में शांति बनी रहती है।