हर परिस्थिति का सामना करने वाले ही लक्ष्य को पाते हैं: त्रिपदा भारती

Only those who face every situation achieve their goal: Tripada Bharti
 
 

सिरसा। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से पांच दिवसीय श्री राम कथा का भव्य आयोजन किया गया। कथा के अंतिम दिन मुख्यातिथि के रूप में सांसद सुनीता दुग्गल, राष्ट्रीय परिषद सदस्य जगदीश चोपड़ा, मोहित शर्मा, अनिल चाचाण, सुशील लीला, विरेंद्र गुप्ता, दीपक, सतपाल सिंह ऐलनाबाद, कर्मजीत सिंह ने शिरकत की। पंचम दिवस में आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी त्रिपदा भारती ने सुंदरकांड प्रसंग को बहुत रोचक ढंग से प्रस्तुत करने के साथ-साथ उसमें निहित आध्यात्मिक रहस्यों को भी उजागर किया। कथा के अंतिम दिन सांसद सुनीता दुग्गल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।

साध्वी त्रिपदा भारती ने कहा कि भक्त हनुमान की सीता जी तक पहुंचने की यात्रा वास्तव में भक्त की भक्ति को प्राप्त करने की यात्रा है। जिस प्रकार इस यात्रा में हनुमान जी के सामने विभिन्न प्रकार की परिस्थितियां आई। किन्तु वह हर परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं, ठीक इसी प्रकार जब एक भक्त भक्ति को प्राप्त करने के लिए चलता है।

तो उसके मार्ग में भी बहुत सी रूकावटें आती है, लेकिन भक्त अपने दृढ़ निश्चय से अपनी सारी बाधाओं को पार कर जाता है। इसके अतिरिक्त साध्वी ने अपने विचारों में युवा वर्ग को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागृत किया। युवा हमारे देश की रीड की हड्डी है। जैसे हमारा शरीर इसके बिना खड़ा नहीं हो सकता, ठीक उसी प्रकार युवाओं का भी समाज के उत्थान में विशेष योगदान होता है। इनके बिना प्रगति संभव नहीं है।

किंतु अफसोस की बात हमारे युवा अपनी ऊर्जा अपनी शक्ति को भूल चुके हैं और पतन की राहों पर अग्रसर हो रहे हैं। जिससे न केवल स्वयं के जीवन को नष्ट कर रहे हंै। अपितु समाज को भी विनाश की गर्त में ले जा रहे हंै। भारत युवा प्रधान देश है। अगर युवा स्वयं को जान लें तो हमारे समाज का उत्कर्ष संभव है। आज जरूरत है युवाओं को अध्यात्म ज्ञान से जुडऩे की। अध्यात्म ज्ञान हमारी जड़ है। इससे जुड़े बिना हमारा जीवन खुशहाल नहीं हो सकता। किंतु यह ब्रह्मज्ञान केवल मात्र पूर्ण गुरु ही हमें प्रदान कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त कथा में सुमधुर भजनों का गायन भी किया।