सरपंचों ने दिया सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम,22 जुलाई तक बातचीत के लिए नहीं बुलाने पर आगामी आंदोलन की बनेगी रणनीति: संतोष बैनीवाल


 

संतोष बैनीवाल


 

 

सरपंचों ने दिया सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम
22 जुलाई तक बातचीत के लिए नहीं बुलाने पर आगामी आंदोलन की बनेगी रणनीति: संतोष बैनीवाल


सिरसा। सरकार बार-बार सरपंचों को मिट्ठी गोली देकर राजी करने में जुटी हुई है, लेकिन प्रदेश के सरपंच सरकार की शातिर चालों को भली भांति समझ चुके हंै। सरपंच एसोसिएशन सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देती है, अगर 22 जुलाई तक सरकार ने वार्ता के लिए सरपंचों के प्रतिनिधिमंडल को नहीं बुलाया तो आगामी आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। उक्त बातें सरपंच एसोसिएशन हरियाणा की प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष बैनीवाल ने हिसार की कुम्हार धर्मशाला में आयोजित बैठक में उपस्थित सरपंचों से कही। संतोष बैनीवाल ने कहा कि सत्त्ता के नशे में चूर इस सरकार ने गांवों की छोटी

सरकार को समाप्त करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, लेकिन सरपंचों की एकता व आमजन के सहयोग से सरकार को अपने इस प्रयास में मुंह की खानी पड़ी। हालांकि सरकार ने सरपंचों पर जुल्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन बावजूद इसके सरपंचों ने हार नहीं मानी और पूरी एकजुटता से आंदोलन को जारी रखा, जिसके कारण सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। बैनीवाल ने कहा कि सरकार गांवों की सरकार को खत्म कर विधायकों को गांवों की चौधर देना चाहती थी, लेकिन जागरूक जनता ने सरकार को आईना दिखाने का काम किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में सरकार को अपने किए गए जुल्मों का हिसाब-किताब जनता ने ब्याज सहित दे दिया। विधानसभा में लोकसभा जैसे हालात न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री हरियाणा नायब सिंह सैनी द्वारा अपनी ही पार्टी के कुछेक सरपंचों को बुलाकर उन्हें राजी करने में लगे हुए हंै। मुख्यमंत्री एक बार फिर से सरपंचों को मिट्ठी गोली देकर व उनमें फूट डालकर संगठन को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हंै, लेकिन मुख्यमंत्री की

यह मंशा भी अधूरी ही रहने वाली है, क्योंकि प्रदेशभर के सरपंच एकजुट हंै और वे किसी कीमत पर सरकार की शातिर चालों को कामयाब नहीं होने देंगे। इस मौके पा सरपंच एसोसिएसन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर समेन ने कहा कि सरकार चाहे जितने मर्जी लुभावने आश्वासन दें, लेकिन सरपंच उनकी बातों में नहीं आने वाले। सरकार जब तक 73वें संशोधन कानून के तहत सरपंचों को उनके अधिकार नहीं देती, तब तक प्रदेशभर के सरपंच अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इस मौके पर रामचंद्र श्योरान, अजीत गुडग़ांव, चंद्र मोहन पोटलिया, सुभाष कासनिया, सुशीला कापड़ों सहित प्रदेश के विभिन्न गांवों से आए सरपंच उपस्थित थे।