पापुआ न्यू गिनी के PM बोले- भारत हमारा लीडर; कल मोदी के पैर छुकर किया स्वागत  

PM of Papua New Guinea said – India is our leader; Welcomed Modi by touching his feet yesterday
 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी दौरे पर गए हुए हैं उन्होंने पापुआ के प्रधानमंत्री से मुलाकात की।  पापुआ  के प्रधानमंत्री जब उनसे मिले तो उन्होंने पैर छूकर नरेंद्र मोदी से आशीर्वाद लिया।  उन्होंने नरेंद्र मोदी से कहा कि आप ही हमारे सर्वोच्च लीडर  हो।  हम आपके मार्गदर्शन में अपने देश का कार्य चलाएंगे।  वह बहुत ज्यादा प्रभावित हुए। 

पापुआ न्यू गिनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिपब्लिक ऑफ पलाऊ और फिजी ने अपने देश का सर्वोच्च अवॉर्ड दिया है। पलाऊ के राष्ट्रपति सुरंगेल एस व्हिप ने पीएम को इबाकल अवॉर्ड तो फिजी ने 'कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ द फिजी' का सम्मान दिया है। दोनों के बीच मुलाकात फोरम फॉर इंडिया पैसिफिक आईलैंड को-ऑपरेशन यानी FIPIC समिट के दौरान हुई। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पापुआ न्यू गिनी के PM के साथ पैसिफिक देशों से भारत के संबंध बेहतर करने के लिए बनाए गए FIPIC में हिस्सा लिया।

दोनों देश इसे मिलकर होस्ट कर रहे हैं। समिट की शुरुआत करते हुए पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारेप ने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ यानी विकासशील और गरीब देशों का लीडर है। हम सभी विकसित देशों के पावर प्ले के शिकार हैं। वहीं, कल जेम्स मारेप ने पीएम मोदी का स्वागत उनके पैर छूकर किया था।

पीएम मोदी ने कहा जिन पर भरोसा किया उन्होंने साथ छोड़ा
मरापे के बाद PM मोदी ने भी नाम लिए बिना विकसित देशों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'कोरोना का सबसे ज्यादा असर ग्लोबल साउथ यानी दुनिया के विकासशील और गरीब देशों पर पड़ा है'। क्लाइमेट चेंज, प्राकृतिक आपदाएं, भुखमरी और गरीबी कई चुनौतियां पहले से ही थीं अब नई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। PM मोदी ने कहा, 'इस दौरान जिन पर भरोसा किया वो मुसीबत के समय हमारे साथ नहीं खड़े थे, जबकि भारत मुश्किल वक्त में प्रशांत द्वीप के देशों के साथ खड़ा रहा।'

PM ने कहा, 'कोरोना वैक्सीन के जरिए भारत ने सभी साथी दोस्तों की मदद की। भारत के लिए पैसिफिक के द्वीप कोई छोटे आईलैंड देश नहीं बल्कि बड़े समुद्री देश हैं।'

पापुआ न्यू गिनी से रणनीतिक साझेदारी बढ़ाएगा भारत
PM मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे के साथ द्विपक्षीय बातचीत की थी। PM ने कहा था कि दोनों देशों के बीच हेल्थ, स्किल डेवलेपमेंट, निवेश और IT सेक्टर में सहयोग बढ़ाया जाएगा।

दोनों नेताओं ने तमिल भाषा में लिखी गई किताब थिरुकुरल का तोक पिसिन भाषा में अनुवाद किए गए संस्करण को लॉन्च किया। तोक पिसिन पापुआ न्यू गिनी की भाषा है। PM मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बोब डाडे से भी मुलाकात की थी।

पैसिफिक आईलैंड के देशों पर चीन का दबदबा
पैसिफिर आईलैंड के देश डेवलेपमेंट के कई इश्यूज को लेकर दूसरे देशों पर निर्भर हैं। चीन इस इलाके में अपनी बढ़त बनाने में कामयाब रहा है। FIPIC के ही कई देशों में चीन के कई सारे प्रोजेक्टस पर काम चल रहा है। पापुआ न्यू गिनी में ही चीन एक काफी महत्वाकांक्षी रोड प्रोजेक्ट बनाने में लगा हुआ है। जो देश के सारे इलाकों को एक दूसरे से जोड़ेगा। इस पर 47 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। देश में चीन के सहयोग से एक हाइड्रो पावर प्लांट भी तैयार किया जा रहा है।

पैसिफिक देशों में चीन के बड़े प्रोजेक्ट्स

  • सोलोमन आईलैंड्स में चीन ने एक स्टेडियम बनाने की घोषणा की है। पिछले साल एक लीक हुए डॉक्यूमेंट में सामने आया था कि सोलोमन आईलैंड ने चीन के साथ एक सुरक्षा समझौता किया है। जिसके तहत वहां चीन अपनी सबसे बड़ी डिफेंस और एयरोस्पेस कंपनी के लिए दर्जनों एयर स्ट्रिप बनाएगा और बदले में सोलोमन आईलैंड के 6 मिलिट्री एयरक्राफ्ट देगा।
  • किर्बाती में भी चीन वर्ल्ड वॉर 2 में बनी एयरस्ट्रिप को ठीक करवा रहा है। इसका फायदा उसे अमेरिका को टैकल करने में होगा। इसकी वजह ये है कि ये एयरस्ट्रिप अमेरिका के हवाई राज्य से केवल 3000 हजार किलोमीटर की दूरी पर है।
  • वंताऊ में चीन ने 114 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। जिसके तहत वो एयरपोर्ट, रोड और वेयरहाउस को तैयार करेगा।
  • क्लाइमेट चेंज की वजह से समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। जिसका सबसे ज्यादा खतरा आईलैंड देशों को है। इसके चलते चीन ने पैसिफिक आईलैंड के कई देशों में डिजास्टर मैनेजमेंट से जुड़े प्रोजेक्टस में भी निवेश किया हुआ है।

पापुआ न्यू गिनी के PM ने मोदी के पैर छुए, परंपरा तोड़कर राजकीय सम्मान दिया
PM नरेंद्र मोदी रविवार शाम को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे। राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में वहां के PM जेम्स मारेप ने उनकी अगवानी की। मारेप ने मोदी के पैर छूकर उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी को एयरपोर्ट पर ही गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस इंडो पैसिफिक रीजन में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का ये पहला दौरा है।