अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से कहीं ज्यादा रोचक है लालू प्रसाद यादव की गिरफ्तारी का किस्सा..

लालू प्रसाद यादव
 
अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से कहीं ज्यादा रोचक है लालू प्रसाद यादव की गिरफ्तारी का किस्सा..

24 जुलाई 1997 की शाम... पटना हाईकोर्ट ने चारा घोटाला केस में लालू यादव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अब गिरफ्तारी लगभग तय थी, CM पद से इस्तीफा देने की मांग उठ रही थी, लेकिन लालू के तेवर गरम थे।

उन्होंने कहा, 'किसी CM को झूठे केस में फंसाकर उसकी सरकार बर्खास्त करने की इजाजत हमारा संविधान नहीं देता है। हम मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे।'

अगले दिन यानी 25 जुलाई की सुबह से लालू के तेवर ठंडे पड़ने लगे। दरअसल, सुबह करीब 8 बजे राज्यपाल एआर किदवई ने फोन करके कहा कि दोपहर तक गिरफ्तारी की पूरी संभावना है। अगर लालू ने फौरन पद नहीं छोड़ा तो उन्हें राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।कुछ देर बाद करीब 9 बजे लालू के सामने राज्य की खुफिया एजेंसियों ने एक रिपोर्ट भेजी। इसमें बताया गया कि गिरफ्तारी के लिए CRPF, RAF और स्थानीय पुलिस को पूरी तरह से अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।

करीब 11 बजे लालू को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने भी फोन करके इस्तीफा देने की सलाह दी। अभी लालू अपने करीबी लोगों के साथ चर्चा ही कर रहे थे कि दोपहर 2 बजे कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी ने भी लालू से कुछ बात की। तब तक RAF के जवानों ने मुख्यमंत्री आवास को घेर लिया था, दोपहर 2.30 बजे लालू यादव ने जल्दबाजी में विधायकों की बैठक बुलाई। 40 मिनट की इस बैठक की शुरुआत में ही लालू ने ऊंची आवाज में कहा, 'हमने राबड़ी को चुन दिया है।' वहां मौजूद विधायकों ने कहा, 'जी सर, ठीक ही किए हैं।' सभी विधायकों को राबड़ी को मुख्यमंत्री बनाने के समर्थन वाले कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया।

वरिष्ठ पत्रकार जावेद एम अंसारी ने 1997 में इंडिया टुडे मैगजीन में इस पूरे घटनाक्रम को लिखा है। दोपहर 3.10 बजे लालू राजभवन के लिए निकले और अपना इस्तीफा सौंप दिया। जब लालू राज्यपाल आवास से बाहर आए तो भीड़ 'राबड़ी देवी जिंदाबाद' के नारे लगा रही थी। लालू ने भीड़ की तरफ मुड़कर कहा, 'आप लोग मुझे इतनी जल्दी भूल गए ,वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर अपनी किताब 'द ब्रदर्स बिहारी' में लिखते हैं, 'लालू ने जिस तरह तमाम बड़े नेताओं को छोड़ राबड़ी देवी को रसोईघर से निकालकर CM पद पर बैठाया, यह बिहार की राजनीति में उनकी मजबूत पकड़ की नुमाइश करता है।'