कैथल से निर्वाचित आदित्य सबसे युवा तो बेरी से चुने गए रघुबीर कादियान हैं सबसे उम्रदराज विधायक
कैथल से निर्वाचित आदित्य सबसे युवा तो बेरी से चुने गए रघुबीर कादियान हैं सबसे उम्रदराज विधायक
-पौने 26 वर्ष के आदित्य सुर्जेवाला पहली बार बने हैं कैथल से विधायक तो कादियान 7वीं बार बेरी से हुए हैं निर्वाचित
-हरियाणा विधानसभा में 51 से 60 आयु वर्ग के हैं सर्वाधिक 30 विधायक, तो 71 से 80 आयु वर्ग के चुने गए हैं 13 विधायक
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार निर्वाचित हुए 90 विधायकों में से कैथल के कांग्रेस विधायक आदित्य सुर्जेवाला सबसे युवा विधायक हैं। आदित्य इस समय करीब पौने 26 साल के हैं। इसी तरह से 80 साल के रघुबीर कादियान सबसे उम्रदराज विधायक हैं। पिछली विधानसभा में भी कादियान सबसे बड़ी उम्र के विधायक थे। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफोर्मस् की रिपोर्ट के अनुसार इस बार 25 से 30 आयु वर्ग के 2 जबकि 31 से 40 वर्ष आयु के 7 विधायक हैं। 41 से 50 वर्ग आयु के 22, 51 से 60 आयु वर्ग के 30, 61 से 70 आयु वर्ग के 16 और 71 से 80 आयु वर्ग के 13 विधायक निर्वाचित हुए हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा चुनावों में 25 से 50 आयु वर्ग के 31 विधायक चुनकर आए हैं। कैथल के विधायक आदित्य पौने 26 साल के हैं। इसी तरह से जुलाना से कांग्रेस की विधायक विनेश फौगाट 30 साल की जबकि रानियां से इनैलो के विधायक अर्जुन चौटाला 32 वर्ष के हैं। नारनौंद से कांग्रेस के विधायक जस्सी पेटवाड़ व सोनीपत से भाजपा के विधायक निखिल मदान 34-34 साल के हैं। इसी तरह से बेरी से कांग्रेस के विधायक रघुबीर कादियान 80 साल के हैं। सफीदो से भाजपा के विधायक रामकुमार गौतम 78 साल के जबकि गढ़ी सांपला किलोई से 5वीं बार विधायक चुनकर आए पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा 77 वर्ष के हैं। इस विधानसभा में बेरी से विधायक रघुबीर कादियान जहां 7वीं बार विधानसभा के लिए चुने गए हैं तो अंबाला कैंट से अनिल विज भी सातवीं बार विधायक चुने गए हैं।
टॉप तीन अमीर विधायकों में हैं सभी महिलाएं
खास बात यह है कि 90 में से टॉप तीन अमीर विधायकों में महिलाएं शामिल हैं। 270 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ सावित्री जिंदल सबसे अमीर विधायक हैं। इसके बाद कालका से भाजपा की विधायक शक्ति रानी शर्मा के पास 145 करोड़ की एवं तोशाम से भाजपा की विधायक श्रुति चौधरी के पास 134 करोड़ रुपए की संपत्ति है। 90 में से कुल 86 विधायक करोड़पति हैं। यानी कुल 96 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं। 2009 में 72 प्रतिशत, 2014 में 83 प्रतिशत, 2019 में 93 प्रतिशत विधायक करोड़पति थे। भाजपा के 48 में से 46, कांग्रेस के 37 में से 35, इनैलो के 2 एवं तीन आजाद विधायक करोड़पति हैं। 44 विधायकों के पास 10 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। 20 विधायकों के पास 5 से 10 करोड़ रुपए, 22 विधायकों के पास 1 से 5 करोड़ रुपए, 2 विधायकों के पास 20 लाख से 1 करोड़ रुपए तो 2 विधायकों के पास 20 लाख रुपए से कम की संपत्ति है।
उच्च शिक्षित हैं 25 वर्षीय आदित्य सुर्जेवाला
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार 90 में से 31 विधायक ग्रेजुएट हैं। एक विधायक निरक्षर हैं तो एक आठवीं पास हंै। 10वीं तक 15 विधायक पढ़े हैं। 10 विधायकों ने 12वीं तक पढ़ाई की है। 15 गे्रजुएट प्रोफेशनल हैं। 14 ने पोस्ट ग्रेजुएट किया हुआ है। 2 डॉक्टरेट हैं तो एक विधायक डिप्लोमा धारक है। इसी तरह से 90 में से 12 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 6 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2009 में 15 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। इसी तरह से 2014 में 9 पर, 2019 में 12 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। खास बात यह है कि सबसे युवा विधायक आदित्य सुर्जेवाला उच्च शिक्षित हैं। आदित्य ने वेनकुवर के यू.बी.सी. सौदर स्कूल ऑफ बिजनेस से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया हुआ है। वे इसी संस्थान में टीचिंग अस्सिटैंट रह चुके हैं। इसके अलावा वे पर्यावरण सहित विभिन्न विषयों पर अनेक रिसर्च पेपर भी लिख चुके हैं। न्यू वेस्ट मीटर वेनकुवर के सेप, इंडियन काऊंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनैशनल इकनॉमिक रिलेशन नई दिल्ली, नैशनल इंस्टीच्यूट फॉर ट्रांसफोर्मिंग इंडिया आयोग में भी इंटर्नशिप कर चुके हैं। आदित्य को सियासत अपने पिता व दादा से विरासत में मिली है और वे पिछले एक वर्ष से अपने पिता रणदीप सुर्जेवाला के निर्वाचन क्षेत्र कैथल में काफी सक्रिय थे और अब वे स्वयं इस क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं।
2014 के बाद इस बार चुनी गई सर्वाधिक 13 महिला विधायक
गौरतलब है कि हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में 1967 से लेकर 2019 तक कुल तेरह सामान्य विधानसभा चुनाव हुए हैं। वैसे चुनाव-दर-चुनाव विभिन्न राजनीतिक दलों से महिलाएं विधायक बनती रही हैं। 1967 के चुनाव में 8 महिलाओं ने चुनाव लड़ा, इनमें से 4 विधायक बनने में सफल रहीं। 1968 में 12 महिला उम्मीदवारों में 7, 1972 में 13 में से 4, 1977 में 20 में से 4, 1982 में 27 में से 7, 1987 में 35 में से 5, 1991 में 41 में से 6, 1996 में 17 में से 4, साल 2000 में 49 में से 4, 2005 में 60 में से 11, 2009 में 69 में से 9 2014 में सर्वाधिक 13 महिलाएं विधानसभा में पहुंचीं। 2019 में 9 जबकि इस बार भी 2014 की तरह 13 महिलाएं विधायक चुनी गई हैं। खास पहलू यह है कि हरियाणा के अब तक के राजनीतिक सफर में सावित्री जिंदल चौथी ऐसी महिला हैं जो आजाद विधायक बनने में सफल रही हैं। उनसे पहले बल्लभगढ़ से शारदा रानी, झज्जर से मेधावी कीर्ति एवं बावल से शकुंतला भगवाडिय़ा आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर विधायक चुनी जा चुकी हैं। इस बार हिसार विधानसभा सीट से आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हुए सावित्री जिंदल ने 49 हजार 231 वोट लेते हुए कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास को 18 हजार 941 वोट से पराजित किया है। रामनिवास को 30 हजार 290 तो भाजपा के कमल गुप्ता को 17 हजार 385 वोट ही मिले।
पहली बार बने हैं सबसे कम आजाद विधायक
चुनाव दर चुनाव बात करें 1967 में 269 आजाद उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया और 16 को जीत मिली। आज भी प्रदेश की राजनीति में यह रिकॉर्ड कायम है। 1968 में 161 आजाद प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। इस बार 6 को जीत मिल पाई। 1972 में हुए चुनाव में आजाद उम्मीदवारों ने एक बार फिर से जीत के लिहाज से दहाई का आंकड़ा पार किया। 72 के चुनाव में 207 आजाद प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा और 11 को जीत मिल गई। 1977 के चुनाव में 439 में से 7, 1982 में 835 में से 16, 1987 में 1045 में से 7, 1991 में 1412 में से 5 को जीत मिली। 1996 में तीसरी बार ऐसा मौका आया जब आजाद विधायकों की संख्या दहाई के अंक तक पहुंचीं। 1996 के चुनाव में 2022 आजाद प्रत्याशी मैदान में थे और दस को जीत मिल पाई। इसी प्रकार से साल 2000 में 519 में से 11, 2005 में 442 में से 10, 2009 में 513 में से 7, 2014 में 603 में 5, 2019 में 377 में से 7 को जीत मिली। इस बार 461 में से 3 आजाद उम्मीदवारों को ही जीत मिली है।