ताऊ देवीलाल ने नौजवान शरद यादव को ऐसे बनाया था केंद्र में मंत्री

ताऊ देवीलाल
 
देवीलाल ने बनाया था कपड़ा मंत्री


: ताऊ देवीलाल ने नौजवान शरद यादव को ऐसे बनाया था केंद्र में मंत्री


27 साल की आयु में 1974 में मधेपुरा से उपचुनाव जीतकर सांसद बने शरद यादव


-संघर्ष के दिनों में दिल्ली में देवीलाल के पास हरियाणा भवन में रुकते थे


-1989 में बने थे सांसद


-1989 में देश के उपप्रधानमंत्री बनने के बाद देवीलाल ने बनाया था कपड़ा मंत्री


42 साल की उम्र में एक नौजवान को ताऊ देवीलाल केंद्र की सरकार में कपड़ा मंत्री बना देते हैं। संघर्ष के दिनों में यह युवा दिल्ली के हरियाणा भवन में देवीलाल के पास आकर रुकता था। देवीलाल इस नौजवान से प्रभावित थे। 1989 में केंद्र में गैर कांग्रेस सरकार बनी। ताऊ देवीलाल को प्रधानमंत्री का पद पेशकेश किया गया।

ताऊ ने यह पद ठुकरा दिया। ताज वीपी सिंह के सिर पर रख दिया। ताऊ उपप्रधानमंत्री बने। एक युवा को जिद्द करके कपड़ा मंत्री बनाया। बाद में उसी नौजवान नेता से ताऊ की खटक गई। छत्तीस का आंकड़ा रहने लगा। तब ताऊ ने सीनियर पत्रकार राजीव शुक्ला को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि जिसके पास पहनने को कपड़े नहीं थे, उसे मैने कपड़ा मंत्री बनाया। ताऊ की जिद्द पर कपड़ा मंत्री बनने वाला वह नौजवान था शरद यादव। शरद यादव अब इस दुनिया में नहीं हैं। ताऊ देवीलाल का भी निधन हो चुका है। पर राजनीति में ताऊ देवीलाल और शरद यादव के अनेक किस्से हैं। हरियाणा के साथ भी शरद यादव का एक विशेष नाता रहा। सियासी किस्सों की सीरिज में बताते हैं ताऊ देवीलाल और शरद यादव का दिलचस्प किस्सा। दरअसलचौधरी देवीलाल अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते थे।

दिसम्बर 1989 से लेकर 1990 तक वे देश के उपप्रधानमंत्री रहे। इसी दौर में ही जनता दल संसदीय बोर्ड के चेयरमैन शरद यादव कपड़ा मंत्री थे। शरद यादव महज 27 साल की उम्र में 1974 में मधेपुरा से उपचुनाव जीतकर सांसद बने थे। इसके बाद 1977 में दूसरी बार सांसद बने और उन्हें युवा जनता का प्रधान बनाया गया। 1978 में शरद यादव को लोकदल का महासचिव और युवा लोकदल का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 1986 में वे राज्यसभा के सदस्य बने और 1989 के लोकसभा चुनाव में तीसरी बार सांसद बनने में सफल रहे। 1989 में उन्हें वीपी ङ्क्षसह की सरकार में कपड़ा मंत्री बना दिया गया। चौधरी देवीलाल और शरद यादव ने जनता दल और लोकदल के बैनर तले करीब डेढ़ दशक तक एक साथ राजनीति की। बाद में दोनों में मतभेद भी हुए।

मतभेद भी ऐसे कि चौधरी देवीलाल अक्सर सार्वजनिक सभाओं में शरद यादव पर तीखे आरोप लगाते थे। देवीलाल अक्सर कहते थे कि शरद यादव के पास पहनने को कपड़े नहीं थे और मैने उसे कपड़ा मंत्री बनवा दिया। यही नहीं देवीलाल अक्सर यह भी कहते थे कि शरद यादव तो जब राजनीति में नया-नया आया था तब न तो उसके पास पहनने को कपड़े थे और न ही खाने को पैसे। देवीलाल के अनुसार शरद यादव को वो कपड़े बनवाकर देते थे और वे अक्सर रात को हरियाणा भवन आता था और वहीं पर खाना खाता था। गौरतलब है कि शरद यादव ने विद्यार्थी जीवन से अपनी राजनीति की शुरूआत की।

उन्होंने जबलपुर इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज से गे्रजुएशन किया। स्टूडैंट यूनियन जबलपुर के अध्यक्ष रहे। डा. राम मनोहर लोहिया की विचारधारा से प्रभावित शरद यादव मीसा के अंतर्गत साल 1969 से 1970 और 1972 से 1975 तक जेल में भी रहे। ऐसा माना जाता है कि चाहे लालू यादव हों, मुलायम ङ्क्षसह यादव हों या फिर शरद यादव इनको राजनीति में आगे बढ़ाने का काम जरूर चौधरी देवीलाल ने किया। हालांकि बाद में जैसे-जैसे इन नेताओं का कद बढ़ता गया और देवीलाल जब अंतिम समय में संघर्ष कर रहे थे तब ऐसे ही कुछ नेता देवीलाल की मुखालफत करने लगे।