चाणक्‍य नीति: शादी के लिए कैसे करें लड़की का चयन, जानें क्‍या कहती है चाणक्‍य नीति

चाणक्‍य नीति
 
चाणक्‍य नीति: शादी

चाणक्‍य नीति चाणक्‍य नीति के इस श्‍लोक में बताया गया है कि हमेशा शादी से पहले पार्टनर का चुनाव उसके शारीरिक गुणों के बजाय करें


चाणक्य नीति. चाणक्य नीति प्राचीन भारतीय उद्धरणों का एक संग्रह है, जो सफल और संतुष्ट जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन देता है।

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवनसाथी चुनने को लेकर कई बातों का जिक्र किया है।

ज्योतिष भी हमें बताता है कि कभी-कभी पत्नी भी पति की किस्मत चमकाने में भाग्यशाली होती है, ऐसी पत्नियाँ ससुराल को स्वर्ग बना देती हैं। इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक में वर्णन किया है-


बुद्धिमान व्यक्ति को कुलीन कुल में जन्मी पुत्री का ही चयन करना चाहिए चाहे वह कुरूप ही क्यों न हो


साथी के शरीर को नहीं, गुणों को देखें


चाणक्य नीति का यह श्लोक बताता है कि शादी से पहले हमेशा पार्टनर के शरीर के बजाय उसके गुणों को देखना चाहिए। पुरुषों को हमेशा सुंदर महिलाओं के पीछे नहीं भागना चाहिए।

अगर पत्नी संस्कारी हो तो मुसीबत के समय परिवार का ख्याल रखती है।


मन की सुंदरता अवश्य देखें


आचार्य चाणक्य ने कहा है कि विवाह के लिए स्त्री का चयन करते समय शारीरिक सुंदरता से ज्यादा मन की सुंदरता को देखना चाहिए। हमेशा धैर्यवान महिला का चुनाव करें।

वहीं दूसरी ओर जो स्त्री धार्मिक कर्तव्यों में विश्वास रखती है वह हमेशा संयमित रहती है।

क्रोधी स्त्री से पश्चात्ताप करें

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जो स्त्री बार-बार क्रोध करती हो उससे हमेशा दूर रहना चाहिए।

चाणक्य कहते हैं कि क्रोधी स्त्री कभी भी परिवार को खुश नहीं रख सकती। आचार्य नीति के अनुसार उस स्त्री से कभी विवाह नहीं करना चाहिए जो अपनी मर्जी से विवाह नहीं कर रही हो। नहीं तो वह कभी भी आपका सम्मान नहीं करेगी.

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