भारत में कितनी महिलाएं नहीं कर रही शादी? सच जानकर उड़ जाएंगे होश!

चौंकाने वाले आंकड़े!

 
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शादी को लेकर बदलती सोच

भारत में शादी को हमेशा से समाज का एक अहम हिस्सा माना जाता रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिला है। आज की महिलाएं पहले की तुलना में शादी को लेकर अलग सोच रखने लगी हैं। सवाल यह उठता है कि भारत में कितनी महिलाएं शादी नहीं कर रही हैं? यह आंकड़ा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि समाज में हो रहे बदलाव को भी दर्शाता है।

आत्मनिर्भरता और शिक्षा बनीं प्राथमिकता

पहले के समय में शादी को महिलाओं के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य माना जाता था। लेकिन अब पढ़ाई, करियर और आत्मनिर्भरता महिलाओं की प्राथमिकता बन गई हैं। हाल ही में किए गए एक सर्वे के अनुसार, भारत में बड़ी संख्या में महिलाएं शादी से दूरी बना रही हैं। खासतौर पर 25 से 35 साल की उम्र की महिलाओं के लिए शादी अब अनिवार्य नहीं रही। यह बदलाव शहरी क्षेत्रों में तेजी से देखा जा रहा है।

शादी से दूरी की प्रमुख वजहें

महिलाओं के शादी से दूर रहने के पीछे कई कारण हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण कारण आर्थिक स्वतंत्रता है। आज की महिलाएं अच्छी नौकरियों में कार्यरत हैं, आत्मनिर्भर हैं और अपनी शर्तों पर जीवन जी रही हैं। पहले की तरह शादी का दबाव अब उन पर नहीं है। इसके अलावा, तलाक की बढ़ती दर और रिश्तों में असुरक्षा ने भी महिलाओं को शादी से दूर रखा है।

समाज में बदलती धारणाएं

ग्रामीण इलाकों में भले ही पुरानी परंपराएं अभी भी मजबूत हैं, लेकिन वहां भी धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है। युवा पीढ़ी अपने फैसले खुद लेना चाहती है और महिलाएं भी इसमें पीछे नहीं हैं। यह बदलाव कुंवारे पुरुषों के लिए भी चिंता का विषय बन सकता है, क्योंकि जहां एक ओर पुरुष शादी के लिए तैयार हैं, वहीं महिलाओं की प्राथमिकताएं बदल गई हैं।

क्या यह बदलाव स्थायी है?

विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे महिलाओं की शिक्षा और जागरूकता बढ़ेगी, शादी से दूरी का यह रुझान और मजबूत हो सकता है। हालांकि, समाज को इस बदलाव को स्वीकार करने में समय लग सकता है। अब कुंवारे पुरुषों और उनके परिवारों को यह समझना होगा कि शादी अब पहले की तरह जरूरी नहीं मानी जा रही। यह बदलाव भारत के सामाजिक ताने-बाने को किस तरह प्रभावित करेगा, यह आने वाले वर्षों में साफ हो पाएगा।