पुराने समय में राजा को रानी के साथ दासी भी दी जाती थी असल में उनका क्या काम था?

भारत समेत विश्व में जितने भी राजा और महाराजा हुए हैं, उनके साम्राज्य में बड़ी संख्या में दासियों का होना एक सामान्य बात होती थी
 
इसके अलावा दासियों को महल की साज-सज्जा के लिए भी नियुक्त किया जाता था. लेकिन मुख्य रूप से दासी उन्हें ही बनाया जाता था

पुराने समय में राजा को रानी के साथ दासी भी दी जाती थी असल में उनका क्या काम था?

भारत समेत विश्व में जितने भी राजा और महाराजा हुए हैं, उनके साम्राज्य में बड़ी संख्या में दासियों का होना एक सामान्य बात होती थी. मुख्य रूप से दासियों की जरूरत इसलिए पड़ती थी क्योंकि पूरे साम्राज्य में व्यवस्था का क्रियान्वयन करने के लिए जन-धन की आवश्यकता होती थी.

इसके अलावा दासियों को महल की साज-सज्जा के लिए भी नियुक्त किया जाता था. लेकिन मुख्य रूप से दासी उन्हें ही बनाया जाता था जो दिखने में सुंदर और अपने कार्यों में निपुण हुआ करती थी. पहले के समय में सभी राजा महल में ही स्त्रियों की शिक्षा और अन्य व्यवस्था करवाते थे.

ऐसे में सभी रानियों और राजकुमारियों की हर प्रकार की सहायता के लिए दासिया ही नियुक्त की जाती थी. सभी निपुण दासियों में से जो उत्कृष्ट होती थी, उन्हें राजा-महाराजा अपनी बेटी के विवाह के समय बेटी के साथ भेज देते थे.

एक प्रकार से कहा जा सकता है कि इन्हें दहेज में दे दिया जाता था. मुख्य रूप से इनका उद्देश्य ससुराल में अपनी बेटी की सहायता करने के लिए भेजा जाता था. इसके अलावा भी कई कारण हैं जैसे कि राजपरिवार में रचे जाने वाले षड़यंत्रों से बचाव हेतु |