नवरात्र में फलाहार के दौरान क्या खाना चाहिए, बताया प्रेमानंद महाराज ने
नवरात्रि के दौरान फलाहार (उपवासी आहार) के लिए विशेष ध्यान रखना होता है, क्योंकि इस समय शुद्धता और तप की भावना से आहार लिया जाता है। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, नवरात्रि के दौरान फलाहार में केवल वे खाद्य पदार्थ ही खाने चाहिए जो शुद्ध, सात्विक और शरीर के लिए हल्के हों। इस अवधि में मांसाहार, प्याज, लहसुन और अन्य तामसी आहार से परहेज करना चाहिए।
नवरात्रि के दौरान फलाहार में क्या खाएं:
सत्विक फल और ताजे फलों का सेवन:
नवरात्रि के दौरान आप ताजे फल जैसे सेब, केला, पपीता, अमरूद, अंगूर, संतरा, अनार आदि खा सकते हैं। ये फलों के साथ नमक और नींबू का थोड़ा सा उपयोग भी कर सकते हैं।
फलों में कच्चे फल और सूखे फल जैसे किशमिश, बादाम, अखरोट, पिस्ता आदि भी अच्छे रहते हैं।
साबूदाना (साबुदाना खिचड़ी):
साबूदाना नवरात्रि के दौरान सबसे प्रसिद्ध आहार है। इसका सेवन साबूदाना खिचड़ी, साबूदाना वड़ा या साबूदाना खीर के रूप में किया जा सकता है।
साबूदाना शरीर को ऊर्जा देता है और हल्का भी होता है, जिससे उपवास के दौरान शरीर में थकान नहीं होती।
सिंघाड़े के आटे से बनीं चीजें:
सिंघाड़े का आटा नवरात्रि में उपवास के दौरान बेहद लोकप्रिय है। आप सिंघाड़े के आटे से सिंघाड़े की पकौड़ी, सिंघाड़े के पराठे, सिंघाड़े की रोटियां आदि बना सकते हैं।
सिंघाड़े के आटे में नमक और घी का प्रयोग करें और इसे आत्मिक शुद्धता से बनाएं।
राजगीरे का आटा (राजगीरा रोटियां):
राजगीरा भी एक अच्छा विकल्प है। इसके आटे से रोटियां, पराठे, और पकोड़ी बनाई जा सकती हैं।
यह आहार पाचन के लिए अच्छा होता है और शरीर को ताकत भी प्रदान करता है।
फलाहार के लिए दही और दूध:
दही और दूध का सेवन भी नवरात्रि के दौरान किया जा सकता है। दही में शहद मिलाकर खाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहता है।
दूध में केसर और इलायची डालकर पिने से शरीर को ऊर्जा और ताजगी मिलती है।
पेट की सेहत के लिए कच्चे फल और सब्जियों का सेवन:
आप नवरात्रि में कच्ची सब्जियां जैसे खीरा, गाजर, मूली का सेवन भी कर सकते हैं। ये आसानी से पचने वाले और हल्के होते हैं।
सालाद के रूप में भी इनका सेवन किया जा सकता है।
नारियल का पानी और ताजे नारियल का सेवन:
नारियल पानी और नारियल के टुकड़े भी नवरात्रि के दौरान फलाहार में शामिल किए जा सकते हैं। यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है और आपको ताजगी महसूस होती है।
हाथ से बनीं पकवान (आटे की रोटियां, पराठे):
नवरात्रि के दौरान खिचड़ी, आटे की रोटियां, आलू की चाट, अलू-चिवड़ा आदि भी खा सकते हैं। आलू को अच्छे से उबाल कर उसमें नमक, मिर्च और लहसुन के बिना मसाले डालकर खाएं।
नवरात्रि के दौरान क्या ना खाएं:
मांसाहार, अंडा, प्याज, लहसुन, शराब, तामसी आहार, लवण-हूण और तले हुए भारी आहार से पूरी तरह से बचना चाहिए।
ग्लूटन और मैदा से बनी चीजें भी न खाएं।
सोडा, कोल्ड ड्रिंक, या कोई भी अत्यधिक मीठे पदार्थ न लें।
व्रत और उपवास के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:
प्राकृतिक आहार लें और आहार को सात्विक बनाए रखें। इस समय शुद्धता और मानसिक शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है।
पानी का खूब सेवन करें, ताकि शरीर में डीहाइड्रेशन न हो।
नवरात्रि के दौरान दिन में एक बार व्रत को तोड़ने के बाद थोड़ा समय लेकर प्राकृतिक आहार लें, ताकि शरीर को किसी भी प्रकार की कमजोरी न हो।