महिलाओं को इन कामों के बाद ज़रूर नहा लेना चाहिए, वार्ना होगा ये हाल 
 

 

आचार्य चाणक्य की नीतियों में स्नान का महत्व विशेष रूप से उल्लेखित है, विशेषकर महिलाओं के लिए। उनके अनुसार, कुछ खास परिस्थितियों में स्नान करना अनिवार्य है। यहाँ उन परिस्थितियों का संक्षेप में उल्लेख किया गया है:

1. शारीरिक संबंध बनाने के बाद: चाणक्य के अनुसार, इस स्थिति में स्नान करना जरूरी है क्योंकि इससे शरीर की पवित्रता भंग होती है और इससे आप कोई भी पवित्र कार्य नहीं कर सकते।

2. शरीर की मालिश के बाद: यदि शरीर पर तेल की मालिश की गई है, तो स्नान करने से गंदगी साफ होती है और त्वचा की चमक बरकरार रहती है।

3. दाह संस्कार में शामिल होने के बाद: शमशान घाट जाने के बाद स्नान करना आवश्यक है। यह न केवल शारीरिक स्वच्छता के लिए, बल्कि संक्रमण और कीटाणुओं से बचने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

4. बाल कटवाने के बाद: बाल कटवाने के बाद भी स्नान करना जरूरी है, ताकि कटे हुए बाल शरीर पर चिपक न जाएँ और साफ-सफाई बनी रहे।

चाणक्य का यह दृष्टिकोण शारीरिक और मानसिक पवित्रता को बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इन नियमों का पालन करने से व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहता है, बल्कि मानसिक रूप से भी तरोताजा महसूस करता है।