क्या समझौते के लिए "राजी" नहीं होने पर सोनाली फोगाट का कर दिया गया खात्मा..?

Was Sonali Phogat terminated for not "agreeing" to the settlement..?

 
सोनाली फोगाट 

बड़े "राज" ने निगल ली सोनाली फोगाट की जिंदगी...

खास सबूत "हासिल" के लिए किया गया सोनाली फोगाट को फिजिकली टॉर्चर..!

क्या समझौते के लिए "राजी" नहीं होने पर सोनाली फोगाट का कर दिया गया खात्मा..?

कुलदीप श्योराण

 हरदम हरियाणा न्यूज गोवा

भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से एक बार फिर उनके मर्डर के कारणों पर सवालिया निशान उठ गया है।

सोनाली फोगाट के शरीर पर मिले चोटों के निशान से यह साबित हो गया है कि उनका बेरहमी से कत्ल किया गया।

सवाल यह उठता है कि ऐसा कौन सा "बड़ा" राज था जिसकी जानकारी हासिल करने के लिए पहले सोनाली फोगाट को फिजिकली टॉर्चर किया गया और उसके बाद उनकी जिंदगी का "खात्मा" कर दिया गया?

 सूत्रों का कहना है कि सोनाली फोगाट पूरी रात किसी बेहद खास मीटिंग में गुजारने के बाद सुबह 5 बजे रिसोर्ट में वापस लौटी थी।

 उनके कमरे में पीए सुधीर सांगवान भी मौजूद था। साथ लगते कमरे में सुधीर का साथी सुखविंदर मौजूद था।

उसके 2 घंटे बाद सोनाली फोगाट को सुधीर सांगवान ने मृत अवस्था में हॉस्पिटल पहुंचाने का काम किया।

सारे घटनाक्रम से यह साफ हो रहा है कि सुधीर सांगवान ही सोनाली फोगाट की आखरी सांस का गवाह था और इस सारे मामले में सुधीर सांगवान का साथी सुखविंदर भी भागीदार है।

सोनाली फोगाट की जिस तरह से हत्या की गई है वह किसी आम कारण का अंजाम नहीं हो सकता है।

कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में आने के बाद जिस तरह से सोनाली फोगाट ने अपनी टिकट की दावेदारी को नहीं छोड़ा था।

वह बार-बार हाईकमान द्वारा टिकट का फैसला करने का दावा कर रही थी। सोनाली फोगाट के इस दावे को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

सोनाली फोगाट जिस तरह से आगामी आदमपुर उपचुनाव में टिकट की दावेदारी की मजबूती से ताल ठोक रही थी; वह इशारा कर रहा है कि सोनाली फोगाट की "पहुंच" बड़े दरवाजों तक थी और उन दरवाजों के "बलबूते" पर ही वो टिकट हासिल करने की उम्मीद कर रही थी।

हिसार से लेकर दिल्ली तक के बड़े दरवाजों के सफर में सोनाली फोगाट कई बड़ी शख्सियत की "हमराज" बन चुकी थी।

सोनाली फोगाट के नजदीकी संबंधों के कारण कई बड़े सियासतदार "परेशानी" में पड़े हुए थे। उन्हें "डर" लग रहा था कि अगर सोनाली फोगाट को आदमपुर उपचुनाव में टिकट नहीं दी गई तो वह उनका "पर्दाफाश" कर सकती है।

सोनाली फोगाट की बेबाक और बिंदास छवि के कारण उनके द्वारा कोई भी बड़ा "खुलासा" किए जाने की आशंका से संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

सोनाली फोगाट की टिकट लेने की जिद ने सत्ता के कई बड़े चेहरों को "प्रेशर" में डाल दिया।

इस प्रेशर का परमानेंट खात्मा करने के लिए ही सोनाली फोगाट को एक षड्यंत्र के तहत गोवा में ले जाया गया।

सोनाली फोगाट की मौत के हालात और उनके जिस्म पर पड़े चोटों के निशान यह बता रहे हैं कि रात की मीटिंग में सोनाली फोगाट ने शायद किसी "समझौते" की पेशकश को "ठुकराने" का काम किया।

इसी इंकार के कारण सुधीर सांगवान बेहद खफा हो गया और इसलिए उसने हैवान का रूप धारण करते हुए पहले सोनाली फोगाट को शारीरिक तौर पर टॉर्चर करने का काम किया और उसके बाद उसकी जिंदगी का खात्मा कर दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का पहला खुलासा यह सच्चाई बयान कर रहा है कि सोनाली फोगाट प्राकृतिक मौत नहीं मरी बल्कि उनका बेरहमी से कत्ल किया गया है।

सोनाली फोगाट के मर्डर को अंजाम देने का काम सुधीर सांगवान और सुखविंद्र की जोड़ी ने किया।

सोनाली फोगाट के मर्डर के मामले में सबसे बड़ा सवाल यही हैकि

किसके कहने से सोनाली फोगाट को सदा के लिए खामोश कर दिया गया...

आखिर कौन सी वह शख्सियत हैं थी जिन्हें अपना पर्दाफाश होने का खौफ सता रहा था...

वह कौन से बड़े सियासी चेहरे थे जिन्हें सोनाली फोगाट की जिद अपने लिए खतरा बनती नजर आ रही थी...

वह कौन से बड़े दरवाजे थे जिनके अंदर बैठे लोगों को सोनाली फोगाट की धमकी अपने लिए बड़ी मुसीबत नजर आ रही थी।

वह कौन से बड़े लोग थे जिन्हें सोनाली फोगाट के कारण अपना सियासी खात्मा होने का डर सता रहा था।

इन्हीं सवालों से जुड़े हुए लोगों ने सुधीर सांगवान को प्यादा बनाकर सोनाली फोगाट का काम तमाम करने का षड्यंत्र अंजाम दिया।