IAS Success Story : हरियाणा की एक टीचर कैसे बनी IAS, UPSC में नंबर-1 रैंक किया था हासिल, जानिए इनकी सफलता की कहानी 

 
 

IAS Success Story : यूपीएससी की परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक होती है। और जो इन्हे क्लियर कर जाते हैं उनकी कई कहानियां हम दिनभर में सुनते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही टीचर की सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे है जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया नंबर-1 रैंक हासिल करके आईएएस बनीं है। आइये आगे जानते है इनकी सफलता की कहानी। 

बात हैं साल 2004 बैच की आईएएस अधिकारी मोना प्रुथी की जो हरियाणा के फरीदाबाद की रहने वाली हैं। मोना प्रुथी का जन्म साल 1978 में फरीदाबाद में हुआ था इनके पिता हरियाणा में एक जिला सत्र न्यायाधीश हुआ करते थे। आईएएस के पद पर मोना को देखने का सपना उनके पिता जी का ही था। 

मोना प्रुथी को सफलता तीसरे अटेम्प्ट में प्राप्त हुई थी। लेकिन वह ऑल इंडिया नंबर-1 रैंक के साथ टॉपर थीं। वह हरियाणा कैडर की आईएएस हैं। उन्होंने यूपीएससी मेन्स में सोशियोलॉजी और इंग्लिश लिटरेचर को ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर रखा था। 

मोना ने अपनी शिक्षा बीएस ऑनर्स इंग्लिश लिटरेचर में किया। यही नहीं इन्होने हंसराज कॉलेज से एमए करने के बाद एमफिल भी किया। जिसके बाद ये यूपीएससी की तैयारी में जुट गयी। इन्होने डीयू के महाराजा अग्रेसन कॉलेज में टीचिंग भी की। 

इंग्लिश लिटरेचर को ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर अपेक्षाकृत कठिन सब्जेक्ट माना जाता है। उन्होंने यूपीएससी टॉप करने के बाद एक मीडिया हाउस से बातचीत में कहा था कि शेक्सपीयर से आईएएस तक का सफर बहुत कठिन नहीं रहा। कठिन मेहनत और तर्कशक्ति के भरोसे इसे हासिल किया जा सकता है। 

मोना के पति साल 2004 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अफसर हैं। उन्होंने विवाह  की वजह से अपना कैडर बदलवाकर हरियाणा करवा लिया था। वह हरियाणा डेयरी डेवपमेंट को-ऑपरेटिव फेडरेशन के एमडी जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं।