Success Story : कभी सेल्समैन के तौर पर किया काम, आज है 32000 करोड़ की कंपनी के मालिक, जानें यहाँ तक पहुंचने का सफर 
 

 

हमेशा हमने यही सुना है कि सफलता पाने के लिए रिस्क लेना बेहद जरूरी है। जो रिस्क लेना जानते हैं और पीछे नहीं हटते हैं वो एक दिन आसमान की बुलंदियों पर जरूर पहुंचते हैं। कोलकाता में पले-बढ़े रवि मोदी (Ravi Modi) ने अपनी मेहनत से सफलता की ऊंचाईयों को छुआ है। रवि मोदी का नाम आज देश के दिग्गज अमीरों की लिस्ट में शुमार है। आज उनकी नेटवर्थ करीब 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुकी है। हम बात कर रहे हैं एथनिक वियर ब्रांड मान्यवर के फाउंडर और एमडी रवि मोदी की। मोदी की कंपनी का ब्रांड मान्‍यवर (Manyavar) भारतीय वेडिंग मार्केट का जाना माना नाम है। उन्‍होंने कोई बड़ी पूंजी लगाकर अपना काम शुरू नहीं किया था। पिता से खटपट होने के बाद मां से मिले दस हजार रुपये से ही उन्‍होंने अपना धंधा शुरू किया था। वह आज अपनी मेहनत के दम पर करोड़ों की संपत्ति के मालिक (Success Story) बन गए हैं।

पढ़ाई-लिखाई में बेहद तेज थे रवि

रवि मोदी कोलकाता के एक सामान्य परिवार में जन्में थे। रवि मोदी बचपन से ही पढ़ाई में तेज़ थे। माता-पिता के इकलौते बेटे मोदी गणित में अच्छे थे। उनके पिता कोलकाता के एक मार्केट में रिटेल स्टोर चलाया करते थे जहां मोदी पढ़ाई के बीच अपने पिता की भी मदद किया करते थे। रवि मोदी जब कक्षा 2 में थे तो उनके मैथ्स में 100 में से 100 अंक आए। उनकी मां ने उनके लिए पार्टी आयोजित की। लेकिन फिर जब वो दोबारा 100 अंक लेकर आए तो परिवार में माहौल सामान्य था। उन्हें तभी समझ में आ गया कि एक जैसी सक्सेस को कोई भी इंजॉय नहीं करना चाहता और उन्होंने कुछ अलग करने की ठान (Ravi Modi story)  ली।

पहले सेल्समैन के तौर पर किया काम

बता दें कि रवि मोदी के पिता की कोलकाता में एक छोटी सी कपड़े की दुकान (Ravi Modi Success Story) थी। रवि मोदी बचपन से ही अपने पिता की भी मदद किया करते थे। 13 साल की उम्र से वह हर दिन दुकान में आने लगे। रवि मोदी ने अपनी ही दुकान में सेल्समैन के रूप में काम किया। दुकान में नौ साल तक काम करने के दौरान उन्हें सेल्स की बारीकियां सीखीं। इस दौरान उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से बीकॉम किया।
अपनी मां से 10000 लेकर शुरू किया कारोबार

रवि ने पिता से अनबन होने के बाद अपनी मां से 10 हजार रुपये ले कपड़ों का काम शुरू किया था। इसका नाम उन्‍होंने अपने इकलौते बेटे वेदांत के नाम पर रखा। वह भारतीय ऐथनिक परिधान (Indian ethnic wear) बनाने लगे और कोलकाता से इन्‍हें पश्चिम बंगाल के अन्‍य शहरों के साथ ही उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार और मध्य प्रदेश में बेचते थे। बढिया क्‍वालिटी और डिजाइन की वजह से उनके बनाए कपड़े लोगों को खूब पसंद आए। इसके बाद मोदी ने अपने कपड़ों को ‘मान्यवर’ ब्रांड नाम दिया। बाजारों के साथ ही उन्‍होंने विशाल मेगा मार्ट और पेंटालून जैसे बड़े स्टोर्स को भी टार्गेट किया। रवि मोदी ने वेदांत फैशन का पहला स्टोर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में खोला गया। आज देशभर में उनके 600 से ज्‍यादा स्‍टोर हैं।