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Nohar Breking- जसाणा गांव मे बंधक बना की युवक की पिटाई, उपचार के दौरान तोड़ा दम,पहले भी हो चुका पवन व्यास हत्या कांड

Nohar Breaking- In Jasana village, a young man was beaten up hostage, died during treatment, Pawan Vyas murder case has already happened
जसाना
अपराध CRIME RAJASTHAN NEWS
हनुमानगढ़ जिला के नॉर्थ सील के गांव जसाना में युवक की पीट-पीटकर हत्या करने की खबर आ रही है बताया जा रहा है कि जसाना गांव में युवक को बंधक बनाकर पहले उसकी मारपीट की गई उसके बाद उपचार के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जमीनी विवाद बताया जा रहा है वारदात का कारण।
झगड़ा परिवार के ही लोगों ने वह बताया जा रहा है जिसमें जमीन को लेकर काफी दिन से विवाद चल रहा था।
पहले हो चुका है पवन व्यास कांड
17 अक्टूबर 2017 को नोहर पुलिस थाना में 537 नंबर एफआईआर दर्ज करवाने वाले दीनदयाल व्यास पुत्र यादवचंद व्यास निवासी जसाना बताते हैं कि 17 अक्टूबर को धनतेरस का दिन था। उसका चचेरा भाई पवन व्यास राजीव गांधी केन्द्र (ग्राम पंचायत घर) पर ई मित्रा का संचालन करता था। उसको शाम करीबन 7 बजे सूचना मिली थी कि पवन पर हमला हो गया है।
वह तुरंत मौके पर पहुंचा। घटनास्थल पर पवन के गले पर तेजधार हथियार के वार थे। उसकी मौत हो चुकी थी। पवन के पिता रामस्वरूप व्यास मामले को लेकर जसाना से जयपुर तक पदयात्रा भी कर चुके हैं। नोहर उपखण्ड मुख्यालय पर धरना भी चला। विधानसभा के बाहर प्रदर्शन भी हुआ, जिसमें हजारों लोग शामिल थे। विधानसभा के भीतर भी स्थानीय विधायक अमित चाचाण ने सवाल उठाया था।
 
वहीं एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि 17 अक्टूबर 2017 को पवन व्यास की हत्या किसी प्रोफेशनल हत्यारे ने की थी। उसने इतनी तीव्रता से कार्य किया कि सरकारी कार्यालय होने के बावजूद उसकी आवाज कमरे से बाहर नहीं जा सकी। कोई मदद के लिए नहीं आ सका। हत्यारा जिस तरह से आया था। उसी तरह से आजाद होकर निकल गया। उस हत्यारा का आज तक सुराग नहीं लग पाया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले 20 सालों से राजस्थान के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में कानून व्यवस्था को लेकर सदैव सवाल उठते रहे हैं। कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी गृह विभाग की होती है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां सत्ता में आने पर अपने शीर्ष राजनेता को यह जिम्मेदारी देती हैं। भारतीय जनता पार्टी में गृह विभाग गुलाबचंद कटारिया संभालते हैं तो कांग्रेस के कार्यकाल में यह जिम्मेदारी अशोक गहलोत के पास होती है। हालात इसके बावजूद सुधर गये हों, यह कहीं दिखाई नहीं देता।
दूसरी ओर ग्रामीणों का आरोप है कि पवन व्यास हत्याकांड में पुलिस के हाथ सुराग लगे थे किंतु उन सुराग के आधार पर आरोपित को तलाशने का कार्य नहीं किया गया। पुलिस अपनी जिम्मेदारी भी ग्रामीणों के कंधों पर डालती है कि वह जानकारी नहीं दे रहे हैं। दीनदयाल व्यास का कहना है कि अब मामले की सुनवाई हाइकोर्ट में हो रही है।
 
उल्लेखनीय है कि नोहर थाना क्षेत्र में ही चक राजासर हत्याकांड में एक ही परिवार के चार सदस्यों लालचंद सुथार, उसकी पत्नी सरोज, पुत्रियों सिमरन और निशा की तेजधार हथियार से हत्या कर दी गयी थी। 12 साल से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी पीडित परिवार को राहत नहीं मिल पायी, जबकि मामला सीबीआई के पास है। उसके अधिकारी साल में एक या दो बार नोहर आते हें और जांच के नाम पर खानापूर्ति कर लौट जाते हैं।
Disclaimer - यह जानकारी हमे सोशल मीडिया से मिली है।किसी भी प्रकार के लाभ हानि की जिम्मेदारी hardumharyananews की नही है।
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