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किसानों को बड़ा झटका ! हरियाणा सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद पर लगाई रोक ! जानिए क्या है बड़ी वजह ?

Big shock to the farmers! Haryana government has banned the government procurement of wheat. Know what is the big reason?

Wheat Purchase

इस वर्ष जिले में 1 लाख 82 हजार 261 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुवाई की गई थी। दिसंबर से फरवरी तक, किसानों को डर था कि बारिश की कमी और उच्च तापमान के कारण गेहूं का उत्पादन कम होगा। अप्रैल के पहले सप्ताह तक मौसम ठंडा हो गया और गेहूं के दाने पकने लगे।

HARDUM HARYANA NEWS

फतेहाबाद जिले में सोमवार तक पिछले साल की तुलना में इस साल गेहूं की आवक में 41 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इस साल गेहूं की आवक अभी भी पिछले साल की तुलना में 15 फीसदी कम है जिले के खेतों से अब तक लगभग सारा गेहूं मंडियों में पहुंच चुका है। प्रदेश में अब मई से गेहूं की सरकारी खरीद बंद हो जाएगी।

इस वर्ष जिले में 1 लाख 82 हजार 261 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुवाई की गई थी। दिसंबर से फरवरी तक, किसानों को डर था कि बारिश की कमी और उच्च तापमान के कारण गेहूं का उत्पादन कम होगा। अप्रैल के पहले सप्ताह तक मौसम ठंडा हो गया और गेहूं के दाने पकने लगे।

यही कारण है कि प्रति एकड़ औसत उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक रहा। हालांकि पिछले दो साल से इसकी तुलना करें तो यह अब भी 15 फीसदी नीचे है। 2020 में गेहूं की आवक 7 लाख 12 हजार 591 मीट्रिक टन थी। 2021 में यह घटकर 6 लाख 96 हजार 461 मीट्रिक टन हो जाएगी। 2022 में, गेहूं की आवक रिकॉर्ड कम हो जाएगी।

इस साल जिले में गेहूं की आवक महज 4 लाख 29 हजार 641 मीट्रिक टन रही। 2023 में जिले को 6 लाख 7 हजार 229 मीट्रिक टन गेहूं प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 41 प्रतिशत अधिक और 2020 की तुलना में 15 प्रतिशत कम है। इस बार जिले की सात मंडियों समेत 51 उपार्जन केंद्रों पर गेहूं की आवक हुई है। अप्रैल से गेहूं की आवक शुरू हो गई है अब इक्का-दुक्का ट्रॉली गेहूं ही मंडियों में आ रहे हैं। राज्य सरकार मई से गेहूं की सरकारी खरीद भी बंद कर देगी।

पिछले साल तापमान बढ़ने से कम हुआ था उत्पादन

2022 में, गेहूं के दाने को कमजोर छोड़ दिया गया था क्योंकि मार्च में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। फरवरी में बहुत कोहरा था और मार्च से अप्रैल के पहले सप्ताह तक तापमान सामान्य था और गेहूं के दाने फूट गए थे लेकिन 2022 में तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री अधिक था, जिससे गेहूं का उत्पादन 30 फीसदी से गिर गया।

जिले में 2021 में 1 लाख 89 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं बोया गया था। 2022 में रकबा घटकर 1 लाख 83 हजार हेक्टेयर रह गया था। 15,000 एकड़ में गेहूँ कम बोया गया था। इस साल सरसों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते किसानों ने सरसों की पौध पर फोकस किया है।

2021 में जिले में सरसों का रकबा 18,000 हेक्टेयर था,  जो 2022 में बढ़कर 23,500 हेक्टेयर हो गया है। इस कारण गेहूं का उत्पादन 20 से 30 फीसदी तक गिर गया। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार प्रथम जिले में प्रति एकड़ 55 से 62 मन गेहूं का उत्पादन होता है।

सोमवार तक जिले को 6 लाख 7 हजार 229 मीट्रिक टन गेहूं प्राप्त हो चुका है। इसके बदले में किसानों को 1198 करोड़ 64 लाख रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। कुल 43,543 किसानों के खातों में यह राशि ट्रांसफर की जा चुकी है। सरकार मई तक गेहूं की खरीद करेगी उसके बाद गेहूं खरीद बंद कर दी जाएगी।- विनीत जैन, डीएफएससी फतेहाबाद

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