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मटर की इस किस्म की करें खेती देगी बंपर पैदावार, ऐसे करें खेती

 मटर की इस किस्म

मटर की खेती, खासकर पंत मटर 484 किस्म, किसानों के लिए एक शानदार अवसर प्रदान करती है। यह किस्म न केवल कम समय में तैयार होती है, बल्कि विभिन्न लाभ भी प्रदान करती है, जैसे कि पोषक तत्वों से भरपूर होना, रोगों से प्रतिरोधी होना, और सूखे की स्थिति में भी अच्छा उत्पादन देना। आइए विस्तार से जानें कि कैसे पंत मटर 484 किस्म मटर की खेती के लिए लाभकारी हो सकती है।

पंत मटर 484 की प्रमुख विशेषताएं:
जल्दी तैयार होने वाली किस्म: पंत मटर 484 अन्य किस्मों की तुलना में जल्दी तैयार हो जाती है, जिससे किसानों को समय की बचत होती है और वे अधिक फसलें उगाने के लिए अधिक अवसर पा सकते हैं।
रोगों से प्रतिरोधी: इस किस्म में चूर्ण फफूंद और फली छेदक जैसे सामान्य मटर के रोगों से प्रतिरोधी क्षमता होती है। इसका मतलब है कि किसानों को फसल के लिए कम कीटनाशकों की आवश्यकता होगी, जिससे लागत में भी कमी आती है।


अच्छी पैदावार: पंत मटर 484 किस्म प्रति हेक्टेयर 23 क्विंटल तक पैदावार देती है। यह उत्पादन के लिहाज से एक अच्छी किस्म है, जो किसानों की आय में वृद्धि करती है।
पोषक तत्वों से भरपूर: इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह एक पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य बनती है। यह उपभोक्ताओं के लिए भी लाभकारी है।
सूखा सहनशील: यह किस्म सूखे की स्थिति में भी अच्छा उत्पादन दे सकती है, जिससे यह वर्षा आधारित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।


मटर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और परिस्थितियां:
मिट्टी: मटर की खेती के लिए दोमट और बलुई मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। इन मिट्टियों में पानी की निकासी अच्छी होती है और हवा का संचार भी बेहतर होता है, जिससे पौधों की जड़ों को उचित विकास मिल पाता है।


मिट्टी का पीएच मान: मटर की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए। अगर मिट्टी अम्लीय हो, तो उसमें चूना मिलाकर पीएच को बढ़ाया जा सकता है।
खेत की तैयारी: बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए, जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाती है और जड़ों का विकास अच्छे से होता है।


कीट और रोगों से बचाव:
मटर की खेती में कीटों जैसे दीमक, तना मक्खी, और लीफ माइनर का प्रकोप हो सकता है। इनकी रोकथाम के लिए फोरेट 10 जी का छिड़काव किया जा सकता है, जो इन कीटों से फसल को बचाने में मदद करता है। इससे फसल को कीटों से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।

कृषि उपनिदेशक की टिप्पणी:
श्रवण कुमार, कृषि उपनिदेशक ने बताया कि मटर की पंत मटर 484 किस्म किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है, क्योंकि यह किस्म न केवल जल्दी तैयार होती है, बल्कि रोगों के प्रति भी प्रतिरोधी है। इस किस्म को अपनाकर किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं और फसल के नुकसान से बच सकते हैं।

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