Gobhi | Patta Gobhi | Kheti फूल गोभी और पत्ता गोभी की खेती किसमें होगा ज्यादा मुनाफ़ा ?
छोटे किसानों के लिए फूलगोभी और पत्तागोभी की खेती में तुलना: जानें कौन सी फसल देगी बेहतर मुनाफा
समानताएं: फूलगोभी और पत्तागोभी की खेती
फूलगोभी और पत्तागोभी दोनों ही फसलें ठंड और बारिश के मौसम में उगाई जा सकती हैं। नर्सरी तैयार करने का समय बारिश के मौसम में जून से अगस्त और ठंड के मौसम में सितंबर से दिसंबर तक होता है।
- बीज की मात्रा: एक एकड़ में दोनों फसलों के लिए 200 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
- ट्रांसप्लांटिंग का समय: नर्सरी से पौधे 30 दिनों में खेत में लगाने के लिए तैयार हो जाते हैं।
- पौधों की दूरी: फूलगोभी में पौधों के बीच दूरी 1.25 फीट और लाइनों के बीच 1 फीट रखी जाती है, जिससे 20,000 से 22,000 पौधे प्रति एकड़ लगते हैं। पत्तागोभी में यह दूरी 1.25 फीट × 1.25 फीट होती है, जिससे 25,000 से 28,000 पौधे प्रति एकड़ लगते हैं।
उत्पादन में अंतर
- फूलगोभी का उत्पादन:
एक एकड़ में 20,000 पौधों से औसतन 100 क्विंटल उत्पादन प्राप्त होता है। - पत्तागोभी का उत्पादन:
25,000 पौधों से औसतन 200 क्विंटल उत्पादन मिलता है।
कमाई में तुलना
मंडी भाव के आधार पर:
- फूलगोभी: औसत भाव ₹15 प्रति किलो होने पर एक एकड़ से ₹1,50,000 की कमाई हो सकती है।
- पत्तागोभी: औसत भाव ₹10 प्रति किलो होने पर एक एकड़ से ₹2,00,000 तक की आय संभव है।
लागत लगभग समान (₹45,000) होने के कारण, फूलगोभी से ₹1,25,000 का मुनाफा और पत्तागोभी से ₹1,55,000 का मुनाफा मिलता है।
जोखिम का आकलन
बारिश के मौसम में फूलगोभी का खराब होने का खतरा अधिक होता है। फूलगोभी उमस और अधिक बारिश को सहन नहीं कर पाती, जबकि पत्तागोभी की फसल इन परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन करती है। ठंड के मौसम में दोनों फसलों की खेती समान रूप से सफल होती है।
किसानों के लिए सुझाव
यदि खेत का आकार छोटा (ढाई एकड़ या कम) है, तो बारिश के मौसम में डेढ़ एकड़ में पत्तागोभी और एक एकड़ में फूलगोभी लगाएं। ठंड के मौसम में इसका उल्टा करें। इससे जोखिम कम होगा और मुनाफा सुनिश्चित रहेगा।
निष्कर्ष
फूलगोभी और पत्तागोभी की खेती दोनों ही लाभकारी हैं। लेकिन बेहतर उत्पादन, कम जोखिम और सही योजना के साथ, छोटे किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। दोनों फसलों की खेती करने का मॉडल अपनाना, विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए, एक अच्छा विकल्प है।