बड़ी खबर: भारत के 5 राज्यों के छात्रों का ऑस्ट्रेलिया में घूसने पर लगा रोक, यह है सबसे बड़ा कारण
Big news: Students from 5 states of India are banned from entering Australia, this is the biggest reason

भारत के 5 राज्यों के छात्रों का ऑस्ट्रेलिया में घूसने पर लगा रोक, यह सबसे बड़ा कारण
हरदम हरियाणा न्यूज। नई दिल्ली, देश विदेश से छात्र छात्राओं के लिए बड़ी खबर निकलकर आ रही है। भारत देश के 5 राज्यों के छात्रों को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि पिछले कुछ वर्षो से भारत के छात्रों में ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों में पढ़ने की ललक ज्यादा ही देखने में आ रही है। बात कि जाए तो सन् 2019 की तो 2019 में ऑस्ट्रेलिया में भारत से पढने जाने वाले छात्रों की संख्या 70 हजार से पार हो गई थी। इतना ही नही भारत से पढने जाने वाले छात्रों के दस्वेजों में फर्जी तरीके से गड़बड़ी पाई जाती है। यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया में फर्जी दस्तावेजों का ढेर लगा हुआ है। भारतीय छात्रों की बड़ी गड़बड़ी के चलते ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों ने भारत के 5 राज्यों के छात्रों के दाखिले रोक दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि स्थानीय मीडिया में इस संदर्भ में छपे समाचार के अनुसारए ष्दक्षिण एशिया से ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने जाने के अनेक इच्छुक छात्रों के आवेदन फर्जी पाए गए हैं। यहां ध्यान देने की बात यह भी है कि अभी कुछ दिन हुए जब ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज भारत आए थे गुजरात में उन्होंने क्रिकेट मैच देखा था।
ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों ने देश की वीसा जरूरतों को पूरा न करने वाले अनेक आवेदनों को निरस्त करके अपनी रेटिंग को सही रखने की कोशिश की है। ऐसा करने वाले पांच विश्वविद्यालय हैं विक्टोरिया विश्वविद्यालयए एडिथ कोवान विश्वविद्यालयए वोलोंगोंग विश्वविद्यालयए टॉरेंस विश्वविद्यालय तथा दक्षिणी क्रॉस विश्वविद्यालय।
यह समाचार ऑस्ट्रेलिया के सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड समाचार पत्र ने कल प्रमुखता से छापा है। इसमें ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने जाने के इच्छुक भारतीय छात्रों की संख्या में एकाएक बढ़ोतरी की वजह ऑस्ट्रेलिया में लुभावने अंतरराष्ट्रीय शिक्षा बाजार और आव्रजन की व्यवस्था को बताया गया है। लेकिन इसके लंबे समय तक पढ़ने वाले असर को लेकर सांसदों तथा शिक्षा क्षेत्र की तरफ से चिंता भी जताई गई है।
शिक्षा संस्थान ष्नवितासष् ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने के लिए आने वाले छात्रों की संख्या जितनी सोची थी उससे कहीं ज्यादा हो चुकी है। परन्तु ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा संस्थानों में दाखिले की मारामारी के बीच कई छात्रों की तरफ से फर्जी आवेदनों की संख्या भी बढ़ गई है।