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करवाचौथ के मौके पर दिखा खासा उत्साह ,देखे क्या रहा स्पेशल ?

करवाचौथ

तेरे हाथ से पीकर पानी...
करवाचौथ की उमंग, हरदम हरियाणा के संग

करवाचौथ का पर्व हरियाणा सहित पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया गया, और इस साल भी महिलाएं परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ इस पवित्र व्रत को बड़े श्रद्धा भाव से निभा रही हैं। यह दिन महिलाओं के लिए विशेष होता है, जब वे अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। व्रत की शुरुआत दिनभर के उपवास और पूजा अर्चना से होती है, और रात को चंद्रमा को अर्घ देकर यह व्रत समाप्त होता है। 

आज, सिरसा और आसपास के इलाकों में करवाचौथ के मौके पर खासा उत्साह देखा गया। महिलाओं ने सुबह से ही मंदिरों में पूजा अर्चना की और सोलह श्रृंगार कर व्रत की कथा सुनने के लिए इकट्ठा हुईं। इस दिन खास तौर पर वृद्ध महिलाएं युवतियों को करवाचौथ की कथा सुनाती हैं, जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है। दिनभर अन्न और पानी के बिना व्रत रखने के बाद, महिलाओं ने चंद्रमा के उदय के साथ अपने व्रत को समाप्त किया।

बाजारों में भी खूब रौनक रही। पिछले एक सप्ताह से ही महिलाएं करवाचौथ के लिए खरीदारी कर रही थीं। साड़ी, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, सौंदर्य प्रसाधन, मिठाई आदि की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ लगी रही। सिरसा के प्रमुख बाजारों जैसे रोडी बाजार, मोहंता मार्किट, बोम्बे वाली गली, कमेटी वाली गली में महिलाओं और बच्चों की धूम रही। महिलाएं इस दिन अपनी खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए मेहंदी रचाने वालों के पास लंबी कतार में खड़ी नजर आईं। 

इसके अलावा, पुरुषों ने भी इस मौके पर अपनी पत्नियों और परिवार की महिलाओं के लिए उपहार खरीदने में कोई कमी नहीं छोड़ी। गिफ्ट सेंटरों, साड़ी की दुकानों और गहनों की दुकानों पर लोगों की अच्छी-खासी भीड़ देखी गई। विशेष रूप से स्वर्ण आभूषणों की दुकानों पर भी ग्राहकों की आवाजाही बढ़ी, और लोग अपनी पसंद के आभूषण खरीदने के लिए आए।

इस तरह, करवाचौथ का पर्व न केवल महिलाओं के लिए एक धार्मिक अवसर होता है, बल्कि यह समाज में प्रेम, स्नेह और संबंधों की मजबूती का भी प्रतीक बन जाता है।

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