logo

हरियाणा में 70 हजार कुंवारों का छलका दर्द, चुनाव से पहले खोला मोर्चा, अब करेंगे ये बड़ा काम ​​​​​​​

हरियाणा
 


हरियाणा में चुनाव की बिसात बिछनी शुरु हो गई है। इसी के साथ अब अलग अलग मांगों को लेकर आम आदमी से लेकर कर्मचारी तक सड़कों पर उतरने शुरु हो गए हैं। वहीं हरियाणा के कुंवारों का भी अब दर्द छलका है।

पिछले 14 साल से अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रही अविवाहित एसोसिएशन व अविवाहित एकता मंच ने इसके लिए पूरा खाका तैयार किया है। इन दोनों संगठनों के सदस्य अविवाहितों को जागरूक और एकजुट करने के लिए गांव-गांव जाएंगे और इसके बाद जींद या हिसार में प्रदेशस्तरीय सम्मेलन के जरिए ताकत का अहसास कराएंगे।

पिछले कुछ सालों में हरियाणा में कुंवारों की संख्या में इजाफा हुआ है। गंभीर हो रही इस समस्या को देखते हुए हरियाणा सरकार ने अविवाहितों और विधुरों की मासिक पेंशन भी शुरू की है। 

हालांकि, सरकार का दावा है कि प्रदेश में 70 हजार के करीब इस वर्ग के सदस्य हैं, जबकि अविवाहित एसोसिएशन का कहना है कि आठ लाख अविवाहित और विधुर हैं। उनकी एसोसिएशन के सदस्य ही 1.27 लाख हैं। एसोसिएशन का दावा है कि छोटे गांवों में 100 से 150 और बड़े गांवों में 500-500 कुंवारे व विधुर हैं।

एसोसिएशन का दावा है कि प्रदेश के 60 हलकों में अविवाहितों का पूरा दखल है। उनके पास पूरी ग्राउंड रिपोर्ट है कि इन हलकों में 5 से 8 हजार अविवाहित और विधुर लोग हैं। खासकर जाटलैंड की तमाम विधानसभा सीटों पर इनकी संख्या अधिक है। 

एसोसिएशन की मांगें

- दिव्यांगों की तर्ज पर रांडा शब्द के स्थान पर सम्मानजक शब्द हो।
- मासिक पेंशन के बजाय अविवाहितों को जीवन बसर के लिए रोजगार चाहिए।
- रांडा शब्द कहने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
- सामाजिक और सरकारी कार्यक्रमों में जोड़ा जाए।
- अविवाविहत और विधुरों की जनगणना कराई जाए, विशेष पहचान पत्र दिया जाए।
- फैमिली आईडी बनाई जाए, पंचायती राज में आरक्षण दिया जाए

Click to join whatsapp chat click here to check telegram