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1259 JBT अध्यापक भर्ती घोटाला के बाद अब 20 इन्स्पेक्टर भर्ती पर खतरा,पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने बिठाई जांच कमेटी

After 1259 JBT recruitment, there is a danger on the recruitment of updated information, Punjab Haryana has set up investigation

हुड्डा
20 INSPECTOR HUDDA SARKAR

हरदम हरियाणा न्यूज चंडीगढ़ 

JBT TEACHER भर्ती घोटाला के बाद अब एक और भर्ती खारिज होने के आसार

हुड्डा सरकार मे हुई थी इंस्पेक्टर भर्ती अब उन सब पर  पर लटकी तलवार,हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करने के आदेश दिए हैl 

4 महीने कमेटी सौंपेगी अपनी जांच रिपोर्ट

कमेटी चार महीने में अपनी रिपोर्ट देगी और उसके बाद कोर्ट भर्ती पर आदेश जारी करेगा। ऐसे में अब इस भर्ती पर भी तलवार लटक गई है।

हरदम हरियाणा न्यूज चंडीगढ़ - लगभग 10,000 नौकरी लग चुके युवाओं को बेरोजगार बनाए जाने के जिम्मेदार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की सरकार की एक और भर्ती पर संकट के बादल मंडरा छ गए है।

हुड्डा सरकार मे हुई थी पुलिस भर्ती

साल 2009 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में हुई 20 इंस्पेक्टरों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा से जुड़े रिकॉर्ड में प्रथम नजर में धांधली को देखते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गृह सचिव की अगुवाई में तीन सदस्यों वाली कमेटी के गठन का आदेश दिया है।कमेटी 4 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सोपेगी और उसके बाद कोर्ट भर्ती पर फेसला लेगी। ऐसे में अब इस भर्ती पर तलवार लटक गई है।

अमित कुमार कर्मनल निवासी ने याचिका दायर कर बताया कि 2009 में हरियाणा सरकार ने 20 इंस्पेक्टरों की भर्ती की थी. जिस मे से 9 पद सामान्य वर्ग के थे। अमित ने बताया कि उसने लिखित परीक्षा में 145 अंक प्राप्त किए थे और वह टॉपर था। भर्ती में चहेतों को नियुक्ति करवाने के लिए जमकर धांधली हुईl

अंकित कुमार ने आगे बताया कि मुझे इंटरव्यू में 25 में से केवल 7 अंक दिए गए और चहेतों को इंटरव्यू में ज्यादा अंक देकर उन्हें नियुक्त कर लिया गया। इस भर्ती में राजनेताओं के रिश्तेदारों को ही नियुक्ति दी गई। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर भर्ती से जुड़ा रिकॉर्ड कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने रिकॉर्ड को देखकर कहा कि प्रथम नजर से देखा जाए तो चयन की प्रक्रिया में गडबड़ी नजर आ रही है।

यह पाई गई कमिया

एक उत्तर पुस्तिका पर आवेदक के हस्ताक्षर नहीं मिले, दो उत्तर पुस्तिकाओं पर परीक्षा की तिथि 15 फरवरी 2008 लिखी है जबकि परीक्षा 15 फरवरी 2009 को हुई थी व एक उत्तर पुस्तिका पर रोल नंबर गलत मिला। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा कि प्रथम दृष्टि में भर्ती में गड़बड़ी की आशंका से माना  नहीं किया जा सकता है।

सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पहली  नजर में धांधली को देखते हुए अब जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी के गठन का आदेश दे दिया। कमेटी गृह सचिव की अध्यक्षता में गठित होगी और टीम में कार्मिक विभाग के सचिव व एडीजीपी विजिलेंस सदस्य के रूप में शामिल होंगे। कमेटी चार महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और इसके बाद कोर्ट भर्ती पर फैसला देगा। खास बात यह है कि इंस्पेक्टर भर्ती हुए अधिकतर लोग अभी वर्तमान में डीएएसपी के तौर पर कार्य कर रहे हैं।

इन जानकारों को नोकरी देने के आरोप

याचिकाकर्ता ने बताया कि सामान्य श्रेणी में जिन 9 उम्मीदवारों का चयन हुआ है वह सभी राजनीति सम्बद्ध  रखने वालों के रिश्तेदार हैं। भर्ती में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री के भतीजे हरदीप सिंह, हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल के एडीसी के बेटे वरुण दहिया, तत्कालीन विधायक डांगी के रिश्तेदार दीपक, तत्कालीन विधायक आनंद कौशिक के भतीजे नवीन शर्मा, तत्कालीन मुख्यमंत्री के एक नजदीकी कार्यकर्ता के रिश्तेदार नवीन सांगू, तत्कालीन मुख्यमंत्री की पत्नी के नजदीकी रिश्तेदार के बेटे विपिन अहलावत, हिसार के एक कांग्रेस कार्यकर्ता के बेटे अर्जुन सिंह, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन के रिश्तेदार कमलजीत को नियुक्ति मिली।

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