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बीकेई का नहीं स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम से कोई लेना देना: औलख

BKE has nothing to do with the program organized in the stadium: Aulakh

LAKHWINDER
BKE UNION

हरदम हरियाणा न्यूज सिरसा

भारतीय किसान एकता (बीकेई) रजि.-12879 द्वारा 25 अगस्त को शहीद भगत सिंह स्टेडियम में किए जा रहे कार्यक्रम का बीकेई से कोई लेना देना नहीं है। इस कार्यक्रम के दौरान कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए बीकेई जिम्मेदार नहीं होगी।

बीकेई प्रदेशाध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने इस संबंधी एसपी को एक शिकायत दी है। अपनी शिकायत में औलख ने बताया कि किसान जत्थेबंदी भारतीय किसान एकता (बीकेई) रजि. 12879, 24 दिसंबर 2021 का अध्यक्ष है और उपरोक्त जत्थेबंदी के ट्रेडमार्क का 6 दिसंबर 2021 को आवेदन कर रखा है। उन्होंने बताया कि यह जत्थेबंदी किसान भाइयों व आमजन की भलाई के लिए बढ़-चढ़कर कार्य कर रही है, जो कि पिछले लगभग 2 सालों से सामाजिक भलाई व अन्य सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता के लिए अन्य कई जत्थेबंदियों के साथ मिलकर भी काम करती है।

यह जत्थेबंदी किसान आंदोलन के दौरान अस्तित्व में आई और इसका जत्थेबंदीकरण भी किया गया और युवा इकाई भी बनाई गई और इसके नियुक्ति पत्र भी मैंने ही दिए थे। जत्थेबंदी की कार्यकारिणी में प्रार्थी को बतौर अध्यक्ष, अन्य प्रदेशाध्यक्ष, महासचिव व हलका अध्यक्ष बनाए गए और उपरोक्त जत्थेबंदी ने किसान आन्दोलन में अपनी अह्म भूमिका निभाई। जत्थेबंदी के अध्यक्ष के तौर पर संयुक्त किसान मोर्चा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए मोर्र्चे की प्रत्येक मीटिंग में हिस्सा उन्होंने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि किसान आन्दोलन की समाप्ति के बाद उपरोक्त जत्थेबंदी की युवा इकाई 8 दिसंबर 2021 को भंग कर दी गई और उपरोक्त जत्थेबंदी को रजिस्टर्ड करवाकर एक 7 मैम्बरी कोर कमेटी बनाई गई।

उपरोक्त जत्थेबंदी के हर प्रकार के फैसले लेने का अधिकार सिर्फ  कोर कमेटी के पास रह गया है। जिसके अध्यक्ष वे स्वयं है। इस कमेटी के सदस्य गुरप्रीत सिंह, दलजीत सिंह, गुरमीत सिंह, नवदीप सिंह, अरविन्द्र सिंह व गुरलाल सिंह थे, जिसमें से गुरप्रीत सिंह ने इस्तीफा दे दिया व अरविन्द्र सिंह को निष्कासित कर दिया गया था।

भारतीय किसान एकता (बीकेई) किसान जत्थेबंदी का कोई भी प्रोग्राम कोर कमेटी द्वारा निश्चित किया जाता है व अगर उसमें कोई भी प्रिय या अप्रिय घटना की जिम्मेदारी भी कोर कमेटी की होती है। किसान आन्दोलन के बाद पिछले कुछ समय से हमारी जत्थेबंदी की भंग की हुई युवा इकाई के कुछ सदस्यों द्वारा हमारी जत्थेबंदी के अधिकारिक नाम व लोगो/ट्रेडमार्क का प्रयोग करके कुछ अनाधिकारिक व्यक्तियों द्वारा अनाधिकृत कार्यक्रमों का न्यौता दिया जा रहा है।

औलख ने बताया कि इन कार्यक्रमों का तथा उन्हें चलाने वाले व्यक्तियों/तत्वों का हमारी जत्थेबंदी से कोई सम्बंध नहीं है क्योंकि ना ही ऐसे कोई कार्यक्रम हमारी जत्थेबंदी द्वारा आयोजित किए गए या किए जा रहे हैं और ना ही वे व्यक्ति/तत्व हमारी जत्थेबंदी का हिस्सा हैं। उन्होंने ये भी कहा कि अनाधिकृत कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान अगर कोई अप्रिय घटना होती है या उन कार्यक्रमों में किसी जाति, धर्म, समुदाय, व्यक्ति विशेष को कोई आपत्तिजनक टिप्पणी की जाती है तो उसका हमारी जत्थेबंदी से कोई लेना-देना नहीं है।

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