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सीएम खट्टर का धरने पर बैठे सरपंचों को कोरा जवाब, ई-टेंडर से ही होंगे पंचायत कार्य

CM Khattar's reply to the sarpanches sitting on dharna, panchayat work will be done through e-tender only

SARPANCH STRIKE OVER E TEDRING
हरियाणा मे सरपंच जगह जगह बीडीपीओ कार्यालयों पर ताला लगाकर धरने पर बैठे है जिसका कारण हरियाणा में ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का विरोध कर रहे पंच-सरपंचों को मुख्यमंत्री खट्टर ने दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि विरोध बेमानी है।

HARDUM HARYANA NEWS

 

हरियाणा मे सरपंच जगह जगह बीडीपीओ कार्यालयों पर ताला लगाकर धरने पर बैठे है जिसका कारण हरियाणा में ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का विरोध कर रहे पंच-सरपंचों को मुख्यमंत्री खट्टर ने दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि विरोध बेमानी है। उन्होंने बीते दिवस कहा कि सरकार ने पंचायतों की कम नहीं की हैं बल्कि शक्तियां बढ़ाई हैं। इसके लिए अब सीएम ने पंच-सरपंचों को सुशासन पर चलने की सलाह दी है। इसके लिए सरकार की तरफ से हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी में प्रशिक्षण कार्यक्रम सरकार आयोजित कर रही है।

 

 

 

 इससे साफ नजर आ रहा है कि पंच-सरपंचों के विरोध का फ़िलहाल सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ा है। ऐसे में यदि सरपंच अपनी मांगों पर अड़े रहते हैं तो उनका यह धरना-प्रदर्शन काफी लंबा चल सकता है। जिससे गांव के विकास कार्यों की शुरूआत में और ज्यादा वक्त लग सकता है।

 पोर्टल के माध्यम से होंगे ई-टेंडर

बीते दिवस सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा कि हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल के जरिए ही ई-टेंडर होंगे। प्रदेश सरकार ने सरपंच, पंचायत समिति व जिला परिषद के चेयरमैन को अपने फंड व ग्रांट इन ऐड से छोटे या बड़े चाहे जितनी भी राशि के काम हों, करवाने का अधिकार दिया है। सरकार के मुताबिक कार्यों में तेजी लाने के लिए ई-टेंडर प्रणाली को अपनाया गया है। इससे कार्यों में पारदर्शिता, गुणवत्ता तथा तेजी आएगी।

राजनीति करके पंच-सरपंचों को भ्रमित करने में लगे हैं कुछ नेता

मुख्यमंत्री का मानना है कि आईटी के जमाने में हर व्यवस्था ऑनलाइन हो रही है। पंचायतों के लिए ई-टेंडर के नाम पर कुछ नेता राजनीति कर रहे हैं जो कि किसी भी सूरत में सही नहीं है। हरियाणा में अब पढ़ी-लिखी पंचायतें हैं जो अफसरों से काम करवाने में सक्षम हैं, वे ऐसे नेताओं की राजनीति अपने उपर हावी नहीं होने देंगी। आईटी का प्रयोग करना आज की पंचायत भली-भांति जानती है।

1100 करोड़ रुपये का बजट

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के लिए गांवों में विकास कार्यों के लिए पंचायती राज संस्थाओं को 1100 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है, इसमें से 850 करोड़ केवल पंचायतों को मिला है। नई पंचायतों द्वारा विकास करवाने की पहली झलक इसी अवधि में देखने को मिलेगी।

सर्वसम्मति से पंचायतों में चुने गए प्रतिनिधियों के लिए मुख्यमंत्री ने अलग से 300 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। यहां बता दें कि इस बार 70 हजार जनप्रतिनिधियों में से 40 हजार जनप्रतिनिधि सर्वसम्मति से चुने गए हैं जो प्रदेश की सामाजिक सौहार्द व आपसी भाईचारे का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों को विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने के लिए अधिकृत किया है। इसके अलावा इन कार्यों की तकनीकी स्वीकृति व जांच के लिए जूनियर इंजीनियर से लेकर चीफ-इंजीनियर तक जिम्मेदारी दी गई है।

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