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105 वर्षीय सास की अंतिम यात्रा को बहुओं ने दिया कंधा , जानिए क्या है पूरा मामला

Daughter-in-law shouldered the last journey of 105-year-old mother-in-law, know what is the whole matter

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अपने देश में रीति-रिवाज अन्य देशो से काफी अलग है। आपने आज तक यह तो सुना होगा कि हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार माता-पिता के निधन पर बेटे-बेटियां ही कंधा देते हैं लेकिन आज की खबर कुछ अलग है। दरअसल, हरियाणा के सोनीपत जिले के बौद्ध विहार में 105 वर्षीय बुजुर्ग महिला की सांसें पूरी हो गयी। महिला का नाम फूलपति है। फूलपति की अंतिम यात्रा को उनकी बहुओं ने कंधा दिया।

HARDUM HARYANA NEWS

सोनीपत

अपने देश में रीति-रिवाज अन्य देशो से काफी अलग है। आपने आज तक यह तो सुना होगा कि हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार माता-पिता के निधन पर बेटे-बेटियां ही कंधा देते हैं लेकिन आज की खबर कुछ अलग है। दरअसल, हरियाणा के सोनीपत जिले के बौद्ध विहार में 105 वर्षीय बुजुर्ग महिला की सांसें पूरी हो गयी। महिला का नाम फूलपति है। फूलपति की अंतिम यात्रा को उनकी बहुओं ने कंधा दिया।

जानकारी के लिए बता दें कि फूलपति के पांच बेटे, तीन बेटियां, नौ पोते व नौ पोतियां हैं। फूलपति पांच साल से चारपाई पर थीं। पुत्रवधुओं को ये सौभाग्य मिला कि वे अंतिम समय में बुजुर्ग माता की सेवा कर सके और उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो सकें।

ANTIM YATRA

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फूलपति बहुओं की सेवा से अति प्रसन्न थी और यही वजह थी कि फूलपति की अंतिम इच्छा थी कि जब बहुएं हर पल साथ रहीं और पूरी सेवा की तो मेरी अंतिम रस्में भी बहुएं ही करेंगी। फूलपति की अंतिम इच्छा को बेटों व पुत्रवधुओं ने स्वीकार किया और उनको कंधा देकर सभी रस्में निभाईं। मुरथल रोड स्थित बौद्ध बिहार कॉलोनी निवासी फूलपति के दो बेटे हरियाणा सरकार व दो बेटे केंद्र सरकार में अधिकारी रहे हैं। वहीँ छोटा बेटा खेती संभालता है।

गौरतलब है कि फूलपति पिछले पांच सालों से चलने-फिरने में असमर्थ थी जिस वजह से वह चारपाई पर ही रहती थीं। आज के समय में जंहा औलाद अपने बूढ़े माँ-बाप को घर से निकाल फेंकने में भी गुरेज नहीं करती वहीँ फूलपति की बहुओं ने अपनी सास को कभी असहज महसूस नहीं होने दिया।

हर पल साथ रहकर उनकी सेवा की। आज के समय को देखते हुए ये एक बड़ी मिसाल है। पुत्रवधुओं की सेवा से प्रभावित होकर अपने बेटे से इच्छा जाहिर की कि जब सेवा बहुओं ने कि है तो मेरी अंतिम रस्में भी बहुओं को ही करनी चाहिए।

बता दें कि बुधवार देर रात फूलपति ने अंतिम सांसें ली। हरियाणा रोडवेज में मुख्य निरीक्षण के पद से सेवानिवृत्त उनके मझले बेटे रोहतास कुमार ने अपनी माता की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए बहुओं के कंधों पर अर्थी रखते हुए समाज में एक नई पहल की शुरुआत की।

सेक्टर-15 श्मशान घाट में फूलपति का अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम संस्कार में हरियाणा रोडवेज के स्टाफ सदस्य, सेवानिवृत्त जिला आबकारी एवं कराधान अधिकारी आरके पावरिया, सेवानिवृत्त जिला राजस्व अधिकारी सुरेश कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

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