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संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े संगठनों ने सरकार की कमेटी को किया भंग...

Organizations associated with United Kisan Morcha dissolved the committee of the government

KISSAN SIRSA
SKM KISSAN ANDOLAN SIRSA MEETTING 

HARDUM HARYANA NEWS SIRSA -

22 अगस्त को जंतर-मंतर पर होगा किसान संगठनों का बड़ा कार्यक्रम: जगजीत सिंह


सिरसा। संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी गैर राजनीतिक किसान संगठनों द्वारा सरकार द्वारा एमएसपी सहित किसानों के अन्य मुद्दे को लेकर बनाई गई कमेटी को भंग किया जाता है। इसके साथ-साथ मोर्चा इस कमेटी में कोई प्रतिनिधि नामांकित नहीं करेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता जगजीत सिंह डलेवाल ने वीरवार को सिरसा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी।

किसान नेता जगजीत सिंह डलेवाल ने कहा कि जब देश के विभिन्न हिस्सों में किसान आंदोलन हुए थे, तो एमएसपी गारंटी कानून को लेकर सरकार व किसान कमेटी के बीच सहमति हुई थी, लेकिन इन दिनों देश के कृषि मंत्री के बयान आ रहे हैं कि एमएसपी वाली कोई बात पर सहमति नहीं हुई थी। देश का कृषि मंत्री सरेआम झूठ बोल रहे हैं।

18 तारीख को सरकार ने एमएसपी के लिए कमेटी बनाने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन उसके बाद खेतीबाड़ी को लेकर जिस तरह की बातें सामने आ रही है, वह किसानों के हित में नहीं है। एक तरफ तो सरकार कहती है कि हम कमेटी बनाने को तैयार हंै, नाम दिए जाए, लेकिन जब हम बार-बार चि_ïी लिख रहे हंै कि कमेटी कैसी होगी, का विवरण दें, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। सरकार द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा को बदनाम करने की कोशिश की गई।

आनन-फानन में कमेटी तो बना दी, लेकिन उस कमेटी में ऐसे लोगों को शामिल किया, जो कभी किसान आंदोलन के हितैषी थे ही नहीं। उन लोगों की बदौलत कृषि कानून बने थे। हम उसका विरोध करते हैं। इसी के चलते अब हम पुन: आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हंै। किसान नेताओं ने कहा कि हमारी दिल्ली में बैठक हुई थी, जिसमें आगामी कार्यों को लेकर फैसले लिए गए हैं।

22 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर कार्यक्रम होगा। उससे पूर्व शहीद उद्यम सिंह के दिहाड़े पर सुनाम में बड़े स्तर कार्यक्रम होगा, जिसमें हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व यूपी से लोग भाग लेंगे। संयुक्त मोर्चा गैर राजनीतिक संगठन है, जिसमें दो गुटों वाली कोई बात नहीं है। किसानों के हितों की लड़ाई इसी प्रकार लड़ी जाएगी।

इस मौके पर बीकेई से मेक्स साहुवाला, किसान बचाओ संघर्ष समिति से आत्माराम झोरड़, किसान यूनियन हरियाणा से प्रकाश ममेरां, राष्ट्रीय किसान संगठन से जसवीर भाटी, बीकेयू से जरनेल सिंह, भारतीय किसान एकता से गुरदास सिंह, टोल हटाओ संघर्ष समिति से विरेंद्र सिंह हुडा, संयुक्त किसान मजदूर मोर्चा से भगवान पाल सिंह सहित अन्य किसान यूनियनों से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित थे।


तीन हजार करोड़ में किसान आंदोलन बिका या नहीं:


तीन हजार करोड़ में किसान आंदोलन बिका या नहीं, सवाल के जवाब में किसान नेता जगजीत सिंह
डलेवाल ने कहा कि हम सात सदस्यीय कमेटी के सदस्य हैं। कर्नाटक से एक लेटर आया था कि किसी
चैनल पर खबर चली थी कि कर्नाटक का एक किसान नेता कह रहा है कि हमें तीन हजार करोड़ दीजिए, हम दिल्ली से किसान आंदोलन उठवा देंगे, पंजाब के किसान संगठनों को भी मना लेंगे। कर्नाटक के संगठनों ने उस किसान नेता को संगठन से बाहर कर दिया। उस समय जिस प्रकार आंदोलन उठाया गया, गुप्त तरीके से उठाया गया, तो ऐसे में जांच होनी चाहिए कि आंदोलन उठाने की इतनी जल्दी क्यों हुई। संयुक्त किसान मोर्चा कर्नाटक ने एक कमेटी बनाई, जिसमें उस किसान नेता को दोषी माना गया, ऐसे में
हमें अपनी तरफ भी ध्यान देना होगा।

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